जेपी मॉर्गन खरीदेगा फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, 8 राज्यों में 84 शाखाएं हैं बैंक की 

मुंबई- संकट में फंसे अमेरिकी बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का जेपी मॉर्गन चेस अधिग्रहण करेगा। इसमें अधिकांश संपत्तियां और सारे जमा भी शामिल हैं। बैंकिंग क्षेत्र में मची उथल-पुथल से निपटने के लिए अमेरिकी नियामक ने सोमवार तड़के फर्स्ट रिपब्लिक को अपने कब्जे में ले लिया और बाद में इसे जेपी मॉर्गन को बेचने का फैसला किया। यह सौदा कितने में हुआ है, इसका पता नहीं चल पाया है। इस साल में फर्स्ट रिपिब्लक का शेयर 97 फीसदी टूट गया है। 

सैन फ्रांसिस्को स्थित फर्स्ट रिपब्लिक दो महीने में विफल होने वाला अमेरिका का तीसरा बैंक है। इसके पास 229 अरब डॉलर की संपत्ति है। कुल 173 अरब डॉलर का कर्ज, 30 अरब डॉलर की प्रतिभूतियां और 92 अरब डॉलर का जमा है। कुछ समय पहले इसने एक चौथाई कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की थी। अमेरिकी इतिहास में विफल होने वाला यह दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। इससे पहले 2008 में वाशिंगटन म्यूचुअल विफल हो गया था और उसे भी जेपी मॉर्गन ने ही खरीदा था। 

सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक की जमाराशियों की तरह इसकी अधिकांश जमा राशि भी बीमा के दायरे में नहीं है। यदि फर्स्ट रिपब्लिक विफल हो जाता, तो इसके जमाकर्ताओं को अपना सारा पैसा वापस नहीं मिल पाता। इसलिए इसे समय रहते ही जेपी मॉर्गन के हवाले कर दिया गया। बैंक ने कहा कि अप्रैल के संकट के दौरान जमाकर्ताओं ने बैंक से 100 अरब डॉलर से अधिक रकम निकाल लिए। 

सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के मार्च में पतन के बाद से ही फर्स्ट रिपब्लिक संकट में आ गया था। निवेशक और जमाकर्ताओं की चिंताएं बढ़ गई थीं क्योंकि इस बैंक में ज्यादातर जमा का बीमा नहीं था। साथ ही बैंक कम ब्याज पर कर्ज भी तेजी से बांट रहा था। फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने कहा कि बैंक की कुल 84 शाखाएं 8 राज्यों में हैं। यह सभी अब जेपी मॉर्गन की संपत्ति हो गई है और जमाकर्ता यहां से अपने सारे जमा ले सकते हैं। इन जमाओं पर करीब 13 अरब डॉलर बीमा के रूप में खर्च करना होगा। 

फर्स्ट रिपब्लिक बैंक कई बार बेचा और खरीदा गया। साल 2007 में मेरिल लिंच एंड कंपनी ने 1.8 अरब डॉलर में बैंक को खरीदा था। 2009 में इसे बैंक ऑफ अमेरिका ने खरीदा। 2010 में जनरल अटलांटिक और कॉलोनी कैपिटल ने इसे 1.86 अरब डॉलर में खरीदा। इसके बाद इसे पब्लिक कर दिया गया। 

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