सोशल मीडिया पर अपुष्ट या गोपनीय सूचना नहीं डाल सकते बीमा कंपनियों के कर्मचारी
मुंबई- बीमा कंपनियों के कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपुष्ट या गोपनीय सूचनाओं को प्रकाशित नहीं कर पाएंगे। बीमा नियामक इरडाई ने कहा है कि बीमा कंपनियां इस संबंध में एक दिशा निर्देश तय करें, ताकि यह तय किया जा सके कि संगठन से संबंधित कोई भी इस तरह की जानकारी इन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से जनता तक नहीं पहुंचाई जाए।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने रविवार को कहा कि एक संगठन की प्रतिष्ठा उसके कर्मचारियों के व्यवहार से जुड़ी हुई है। सोशल मीडिया का उपयोग इस तरह से किया जाना चाहिए जो संगठन के व्यवसाय में मूल्य जोड़ता है। बीमा कंपनियों को इरडाई ने सूचना और साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए थे। वह सोशल मीडिया का ही एक रूप है। इसके मुताबकि कर्मचारियों को किसी भी ब्लॉग/ चैट फोरम/चर्चा और मैसेंजर साइट/सोशल नेटवर्किंग साइट पर इस तरह की खबरों को डालने से बचना चाहिए।
नियामक ने कहा, किसी कर्मचारी की ओर से अपने आधिकारिक मेल/व्यक्तिगत मेल/मीडिया फोरम या किसी अन्य तरीके से प्राप्त की गई कोई भी जानकारी को प्रकाशित नहीं करना चाहिए। अगर ऐसा कुछ करना है तो कर्मचारी उस सूचना को अपनी कॉरपोरेट कम्युनिकेशन सहित अन्य संबंधित टीम को भेजेगा। वहां से अगर मंजूरी मिलती है तभी इस सूचना को सोशल मीडिया पर डाला जा सकता है।
इरडाई ने कहा, मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग किसी सेवा की गलती की रिपोर्ट करने या शिकायत करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी व्यक्तिगत इंटरनेट पोस्टिंग या संचार का मतलब है कि आप किसी संगठन के लिए काम करते हैं। इसलिए ऐसे पोस्ट पर एक डिस्क्लेमर भी होना चाहिए जिसमें यह कहा जाए कि यह मेरे निजी विचार हैं और संस्थान से इसका कोई ताल्लुक नहीं है।
सोशल मीडिया में पेश की गई व्यक्तिगत छवि किसी व्यक्ति और संगठन की प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकती है। व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए कर्मचारियों के सोशल मीडिया के उपयोग के लिए दिशानिर्देशों के मुताबिक, निजी वेबसाइटों या सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर किसी संगठन या उसके व्यवसाय पर किसी भी प्रकार की आलोचना या टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। इस नीति को लागू करने से आकस्मिक या जानबूझकर प्रकटीकरण, संशोधन, विनाश, देरी या सूचना संपत्तियों के दुरुपयोग का जोखिम कम हो जाएगा।