बैंकों के कारोबारी मॉडल पर बारीकी से नजर रख रहा आरबीआई-गवर्नर दास 

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों के कारोबारी मॉडल की अधिक बारीकी से निगरानी करना शुरू कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, हाल में बैंकिंग सेक्टर के तनाव के परीक्षण से संकेत मिलता है कि बैंक गंभीर तनाव की स्थिति में भी न्यूनतम पूंजी जरूरतों का पालन करने में सक्षम होंगे और भारत में नीति निर्माताओं ने एक स्थिति बनाए रखी है। यह स्थिति ऐसी है कि अमेरिका और यूरोप में सामने आ रहे संकट का असर हमारे बैंकिंग सिस्टम पर नहीं होगा। 

दास ने कहा, भारतीय बैंक कुशल थे और गंभीर संकट की स्थिति में भी पूंजी पर्याप्तता को न्यूनतम जरूरत से ऊपर बनाए रखने में सक्षम होंगे। एक अनुचित मॉडल बैलेंस शीट के कुछ हिस्सों में जोखिम पैदा कर सकता है। इससे भविष्य में बैंकों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है। ये व्यवसाय मॉडल कभी-कभी बैंकों की बैलेंसशीट के कुछ हिस्सों में जोखिम पैदा कर सकते हैं, जो आगे चलकर एक बड़े संकट में बदल सकते हैं। इसलिए अब हम बैंकों के अपनाए गए बिजनेस मॉडल पर फोकस कर रहे हैं। 

हालांकि, आरबीआई किसी भी बैंक और विनियमित संस्थाओं के कारोबारी निर्णय लेने में हस्तक्षेप नहीं करता है। यह केवल इस बात पर जोर देता है कि विनियमित संस्थाओं को अपने व्यापार मॉडल से उत्पन्न होने वाले जोखिम के लिए आंतरिक नियंत्रण और क्षमता की पर्याप्तता का प्रदर्शन करना चाहिए। 

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई ने बैंकों की निगरानी के लिए विभिन्न ढांचों को स्थापित किया है। साथ ही जोखिमों के सिस्टम स्तर के निर्माण का आकलन करने के लिए व्यापक उपायों को भी लागू किया है। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को संगठनात्मक रूप से लचीला होने की जरूरत है। संस्थानों में खुद को विपरीत घटनाओं से बचाने की क्षमता होनी चाहिए। 

दास ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि बैंक और प्रबंधन लगातार वित्तीय जोखिमों का आकलन करेंगे और न्यूनतम विनियामक आवश्यकता से परे बफर्स का निर्माण करेंगे। वित्तीय क्षेत्र के आश्चर्य कहीं से भी ऐसे समय में आ सकते हैं, जब दुनिया भर के प्रतिभागी अपरंपरागत नीतियों को अपना रहे हैं। भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है और कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता से प्रभावित नहीं हुई है। आरबीआई भारतीय वित्तीय प्रणाली के भविष्य के प्रमाण और इसके सतत विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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