सरकार ने किसानों से खरीदा 111 लाख टन गेहूं, 23,663 करोड़ रुपये होंगे खर्च
मुंबई- चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में सरकार की गेहूं खरीद अब तक 12 फीसदी बढ़कर 111 लाख टन हो गई है। एक साल पहले इसी अवधि में यह 99 लाख टन थी। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गेहूं की खरीद सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। खरीद प्रक्रिया से अब तक लगभग 11.89 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर 23,663.63 करोड़ रुपये इस पर खर्च होगा।
सरकार ने 2023-24 विपणन वर्ष के लिए 34.2 मिलियन टन खरीद लक्ष्य तय किया है। 2022-23 में 19 मिलियन टन की खरीद की गई थी। पिछले साल गर्मी की लहर के कारण घरेलू उत्पादन में गिरावट से गेहूं खरीद में गिरावट आई थी। हालांकि, इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन रहने का अनुमान है। सरकार को हाल की बेमौसम बारिश के प्रभाव के बावजूद इस लक्ष्य को हासिल करने का भरोसा है।
हाल ही में बेमौसम बारिश के कारण कुछ प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। केंद्र ने पांच राज्यों – मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है। खरीद न केवल किसानों के हितों की रक्षा के लिए की जाती है बल्कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए भी की जाती है। इसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिये खरीदा जाता है।