2017 से 16 बीमा कंपनियों की हो रही है जांच, 5,000 करोड़ की देनदारी का मामला
मुंबई- आयकर विभाग ने बजाज आलियांज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस को टैक्स चोरी के मामले में नोटिस भेजा है। इन कंपनियों पर 2017 से अब तक की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। टैक्स विभाग 16 बीमा कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से इन कंपनियों पर करीब 5 हजार करोड़ रुपये की कथित टैक्स देनदारी बनती है।
सूत्रों ने बताया कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की ओर से इस मामले में जल्द ही अन्य बीमा कंपनियों को भी कारण नोटिस भेजा जाएगा। इसकी प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। टैक्स विभाग ने अपनी इस जांच में कुछ ऐसे बैंकों से भी सवाल पूछे हैं, जो कॉरपोरेट एजेंट के तौर पर अपने ग्राहकों को बीमा पॉलिसी बेचते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बीमा कंपनियों के खिलाफ जांच पिछले साल सितंबर में ही शुरू हो गई थी। यह जांच इसलिए शुरू की गई है, क्योंकि कई बीमा कंपनियां रेगुलेटर की तय सीमा से ज्यादा बिक्री कमीशन देती हैं। बाद में इस रकम को विज्ञापन और मार्केटिंग पर किया गया खर्च बताकर उस पर टैक्स क्रेटिड भी दावा कर लेती हैं। कर विभाग का अनुमान है कि 16 बीमा कंपनियों पर इस मामले में बकाया टैक्स, ब्याज और जुर्माना को मिलाकर करीब 5 हजार करोड़ रुपये की देनदारी बनती है।
बीमा नियामक भारतीय बीमा विकास विनियामक प्राधिकरण (इरडाई) ने बिक्री कमीशन पर अलग से लगाई गई सीमा को 1 अप्रैल 2023 से खत्म कर दिया है। नए नियमों के तहत परिचालन खर्च और कमीशन को एक साथ जोड़कर उसकी सीमा तय की गई है। बीमा उद्योग की कंपनियां मांग कर रही हैं कि इस नियम को पिछली तारीख से लागू किया जाए। अगर इरडाई ने उनकी मांग मंजूर कर ली, तो बीमा कंपनियों पर टैक्स देनदारी का दावा और जारी जांच का कोई मतलब नहीं रहेगा।