जीएसटी कारोबारियों को मिलेगा दुर्घटना बीमा का लाभ, जल्द आएगी रिटेल ट्रेड पॉलिसी 

मुंबई- सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत कारोबारियों के लिए जल्द एक नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी की घोषणा कर सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नीति से व्यापारियों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा। साथ ही वे अधिक कर्ज भी ले सकेंगे। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर जीएसटी में पंजीकृत खुदरा कारोबारियों के लिए एक दुर्घटना बीमा योजना पर भी काम कर रहा है। 

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, इस नीति में सस्ते कर्ज, खुदरा कारोबार का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण पर ध्यान दिया जाएगा। वितरण चेन के लिए आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, कौशल विकास और श्रम उत्पादकता में सुधार व एक प्रभावी परामर्श और शिकायत निपटान तंत्र का प्रावधान भी हो सकता है।  

अधिकारी ने कहा, सरकार न केवल ई-कॉमर्स में नीतिगत बदलाव की कोशिश कर रही है, बल्कि व्यापारियों के लिए एक नेशनल रिटेल ट्रेड पॉलिसी भी ला रही है, जिससे कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी। प्रस्तावित नीति के तहत एक केंद्रीकृत और कंप्यूटरीकृत निरीक्षण प्रणाली के अलावा व्यापारियों के लिए सिंगल विंडो मंजूरी सिस्टम विकसित किया जा सकता है। 

व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि रिटेल ट्रेड पॉलिसी से निश्चित रूप से इस क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि खुदरा कारोबार अर्थव्यवस्था का एकमात्र क्षेत्र है जिसके लिए कोई नीति नहीं है। व्यापारियों के लिए बीमा योजना से अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को स्वीकार्यता मिलेगी। 

भारत वैश्विक स्तर पर रिटेल क्षेत्र में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गंतव्य है। जीएसटी से अब हर माह औसतन 1.40 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हो रहा है। हालांकि, यह अभी भी आबादी और कारोबार के लिहाज से कम है। केवल 1.40 करोड़ लोग ही जीएसटी में पंजीकृत हैं। साथ ही पिछले वित्त वर्ष में 1.01 लाख करोड़ की चोरी भी पकड़ी गई थी। ऐसे में सरकार चोरी को रोकने, जीएसटी को बढ़ाने के लिए तमाम उपाय कर रही है। 

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