सब्जी बेचा, रिक्शा चलाया और अब करोड़ों रुपये की कंपनी का मालिक ये बिहारी
मुंबई- ठेले पर सब्जी बेचने वाला, रिक्शा चलाने वाला भी करोड़ों की कंपनी का सीईओ बन सकता है। बिहार के सहरसा के रहने वाले दिलखुश कुमार ने तो इस सच साबित कर दिया। 12वीं पास दिलखुश कुमार चपरासी की नौकरी तलाश रहे थे, लेकिन आज वो एक नहीं बल्कि दो-दो कंपनियों का मालिक हैं। जो खुद कभी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा था, आज IIT, IIM पास आउट को नौकरी दे रहा है।
बिहार के सहरसा जिला के बनगांव के रहने वाले दिलखुश कुमार कभी दिल्ली की सड़कों पर पैडल रिक्शा चलाते थे। वहां गुजारा नहीं हो सका तो पटना लौट आए और ठेले पर सब्जियां बेचने लगे। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, इसलिए उनकी पढ़ाई 12वीं में ही छूट गई थी। पिता बस ड्राइवर हैं। इसलिए आसपास के लोग कहते थे कि ड्राइवर का बेटा है ड्राइवर ही बनेगा।
मजबूरी और गरीबी से जूझ रहे दिलखुश ने नौकरी की तलाश शुरू की। प्राइवेट स्कूल में चपरासी के नौकरी के लिए इंटरव्यू दिया, लेकिन वहां भी रिजेक्शन मिला। दिल्ली में रिक्शा चलाने के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिवार ने फौरन घर लौट जाने का फरमान सुना दिया। कुछ दिन घर पर आराम किया, लेकिन पड़ोसियों से ताने ने उनका जीना दूभर कर दिया। उन्होंने पिता से ड्राइविंग सीखीं और टैक्सी चलाना शुरू कर दिया। बिहार में टैक्सी सर्विस का हाल देखकर उनके दिमाग में स्टार्टअप का आइडिया आया।
साल 2016 में टैक्सी चलाने के दौरान उन्हें स्टार्टअप आइडिया मिला। उन्होंने 5 लाख रुपये का लोन लिया और उन पैसों से अपनी आर्यागो (AryaGo) कैब सर्विस की शुरुआत की। उनके पास एक सेकेंड हैंड नैनो कार थी। उन्होंने उसी के साथ अपनी पहली कैब सर्विस आर्यागो की शुरुआत की। बिहार जैसे राज्य के लिए कैब एग्रीगेटर सर्विस काफी नई चीज थी, इसलिए दिलखुश कुमार को काफी मुश्किलें हुई, लेकिन वो डटे रहे। एक वक्त उनके साथ 360 टैक्सी का नेटवर्क बन गया था। धीरे-धीरे इसे वो फैलाते चले गए।
मई 2022 में दिलखुश कुमार ने अपने चचेरे भाई सिद्धार्थ के साथ मिलकर रोडबेज लॉन्च किया। अपने जीवनभर की सेविंग इस स्टार्ट-अप में लगा दी। जिस तरह से ओला (Ola), उबर (Uber) जैसी कैब सर्विस काम करती है, उसी थीम के साथ दिलखुश ने रोडबेज (Rodbez) की शुरुआत की। रोडबेज एक टैक्सी सर्विस प्रोवाइडर एग्रीगेटर है। बिहार के छोटे-छोटे शहरों में लोगों को किफायती कीमत पर कैब सर्विस उपलब्ध करवाना उनकी कंपनी का काम है।
उनकी टैक्सी सर्विस के बिजनस ने बिहार के गांव-गांव में अब धूम मचा दी है। फिलहाल रोडबेज आउटस्टेशन यानी 50 किमी से ज्यादा दूरी की राइड उपलब्ध करा रहा है, लेकिन जल्द ही इसे इंटरसिटी में भी शुरू कर दिया जाएगा। यानी आप बिहार के गांवों और शहरों में ओला-उबर की तरह आसानी से रोडवेज की कैब बुक कर सकेंगे। उनका लक्ष्य 25 हजार कैब को अपने साथ जोड़ना है।