9 साल में रिकॉर्ड 17 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन, कुल कनेक्शन 31.26 करोड़
मुंबई- देश में पिछले 9 वर्षों में रिकॉर्ड 17 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी किए गए हैं। इससे कुल कनेक्शन मार्च, 2023 तक 31.26 करोड़ के पार पहुंच गया है। इस दौरान इसमें दोगुना की वृद्धि हुई है। अप्रैल, 2014 में सक्रिय गैस कनेक्शनों की संख्या 14.52 करोड़ थी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, एलपीजी कनेक्शन में तेज वृद्धि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवी) के कारण हुई है। 2016 में इसका कवरेज केवल 62 फीसदी था जो 2022 में बढ़कर 104.1 फीसदी हो गया। पहले एलपीजी सिलेंडर के लिए 7-24 दिन तक इंतजार करना पड़ता था। अब यह मांग के आधार पर उपलब्ध है और 24 घंटे में रिफिल भी हो जाती है।
पहले केवल 14.2 किलो वाला सिलेंडर ही होता था। लेकिन अब 5 किलो का भी सिलेंडर तेल मार्केटिंग कंपनियां दे रही हैं, क्योंकि कुछ ग्राहक कम उपयोग के कारण छोटे सिलेंडर को पसंद करते हैं। पीएमयूवाई को एक मई, 2016 में लॉन्च किया गया था। इसके तहत मुफ्त गैस कनेक्शन गरीबों को दिया जाता है।
30 जनवरी, 2023 तक पीएमयूवाई के तहत कुल 9.58 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए थे। 24 मार्च, 2023 को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएमयूवाई ग्राहकों को 14.2 किलो सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी की मंजूरी दी थी। यह सब्सिडी साल में 12 सिलेंडर पर मिलती है। इस योजना में किसी भी तरह का डिपॉजिट नहीं लगता है। साथ ही पहली एलपीजी रिफिल के साथ गैस स्टोव भी मुफ्त में दिया जाता है।
शुरू में गरीबी रेखा के नीचे 5 करोड़ महिलाओं तक इस कनेक्शन को देने का लक्ष्य रखा गया था। बाद में इसे बढ़ाकर 8 करोड़ महिलाओं तक का लक्ष्य रखा गया। हालांकि, उज्जवला-2.0 को 10 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया और फिर एक करोड़ और गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया। इस लक्ष्य को 31 जनवरी, 2022 को पूरा कर लिया गया था।
ज्यादा आवेदन मिलने पर सरकार ने एक बार फिर इस योजना को बढ़ाकर 60 लाख और ज्यादा कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा। साथ ही 2019-20 में जो प्रति व्यक्ति पीएमयूवाई के तहत गैस की खपत 3.01 रिफिल होती थी वह 2021-22 में बढ़कर 3.66 रिफिल हो गई। पीएमयूवाई के अमल से करीब एक लाख लोगों को एलपीजीपी वितरण व्यवस्था में रोजगार भी मिला।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कोरोना की शुरुआत में 14 करोड़ से ज्यादा मुफ्त एलपीजी रिफिल पीएमयूवाई के तहत दिया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश की महिलाएं सबसे ज्यादा लाभान्वित हुईं हैं।