जीएसटी चोरी दोगुना बढ़कर 1.01 लाख करोड़, वसूली 21,000 करोड़ रुपये
मुंबई- जीएसटी की चोरी लगातार बढ़ती जा रही है। वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में चोरी की रकम बढ़कर दोगुना हो गई है। इस दौरान कारोबारियों ने 1.01 लाख करोड़ रुपये जीएसटी की चोरी की थी। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) के अधिकारियों ने इसमें से 21,000 करोड़ रुपये की वसूली की।
डीजीजीआई ने बृहस्पतिवार को बताया कि पिछले वित्त वर्ष में अनुुपालन बढ़ाने के साथ-साथ आंकड़ों के एनालिसिस और अधिकारियों की तत्परता से कारोबारियों से अच्छी वसूली की। डीजीजीआई ने बताया कि 2021-22 में जांच एजेंसी ने कुल 54,000 करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी थी। हालांकि, उस साल में भी वसूली 21,000 करोड़ रुपये की हुई थी।
वित्त वर्ष 2022-23 कुल 14,000 मामले पकड़े गए थे। 2021-22 में कुल 12,574 मामले पकड़े गए थे और 2020-21 में 12,596 मामले पकड़े गए थे। पिछले महीने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि जुलाई, 2017 से लेकर फरवरी, 2023 के बीच कुल 3.08 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई थी। इसमें से 1.03 लाख करोड़ रुपये की वसूली की गई। साथ ही इस दौरान 1,402 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि कारोबारियों ने कार्यप्रणाली में कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं का कम मूल्यांकन करके कर का कम भुगतान की रणनीति अपनाई थी। साथ ही छूट अधिसूचनाओं, इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत लाभ उठा रहे थे। कर योग्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर कर का भुगतान न करना और फर्जी फर्मों से चालान के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फर्जी लाभ उठाने जैसे तरीके से भी इन्होंने जीएसटी चोरी की।
जुलाई, 2017 में लागू होने के बाद से लगातार जीएसटी संग्रह में तेजी आ रही है। अब यह मासिक 1.40 लाख करोड़ रुपये के औसत संग्रह पर पहुंच गया है। सबसे अधिक 1.68 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रहा है। पिछले महीने यानी मार्च में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन रहा है जो 1.60 लाख करोड़ रुपये था। सरकार लगातार कर बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, बावजूद इसके अभी तक जीएसटी में कुल 1.40 करोड़ कारोबारी ही पंजीकृत हैं।