खाद्य तेल की कीमतों में हो सकती है वृद्धि, बंदरगाहों पर अटके हैं माल
मुंबई- आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कमी हो सकती है। इससे इनकी कीमतों में भी इजाफा होने का अनुमान है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने इस मामले में सरकार से अनुरोध किया है कि बंदरगाहों पर अटके माल को तुरंत जारी करे। देश के कई बंदरगाहों पर सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की खेप सीमा शुल्क निकासी के मुद्दों के कारण अटकी है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान शून्य शुल्क पर कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात के लिए टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की अनुमति के साथ शिपमेंट को 20 जून, 2023 तक निकासी की अनुमति दी गई थी। बशर्ते कि ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ थी 31 मार्च हो। एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने कहा, दुर्भाग्य से सीमा शुल्क ‘बिल ऑफ एंट्री’ के लिए जोर दे रहा है और ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ को स्वीकार नहीं कर रहा है। इसलिए एक अप्रैल, 2023 से शिपमेंट रोक दिया गया है।
उन्होंने कहा, इस वजह से तेल की आपूर्ति में कमी भी हो सकती है और इससे कीमतें बढ़ सकती हैं। एसोसिएशन ने खाद्य और वाणिज्य मंत्रालयों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। उनसे कहा है कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अधिसूचित ‘बिल ऑफ लैडिंग डेट’ के आधार पर इन दो खाद्य तेलों के शिपमेंट की अनुमति दी जाए।