एलआईसी के इस एजेंट ने खड़ी कर दी 23 हजार करोड़ रुपये की बड़ी कंपनी  

मुंबई- देश की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी सोनालिका की शुरुआत आसानी से नहीं हुई है। एक साधारण से LIC एजेंट से इस कंपनी की नींव रखी। एजेंट से अपनी सैलरी से पाई-पाई बचाकर रिटारमेंट की उम्र में इस कंपनी की नींव रखी। कंपनी को खड़ा करने के लिए उन्हें बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा। दिवालिया भी हुए। सोनालिका समूह के साथ ऐसा ही हुआ।  

लक्ष्मण दास मित्तल उन लोगों में से हैं, जो अपनी किस्मत को खुद लिखते हैं। जिस उम्र में आकर लोग आराम करने के मूड में आ जाते हैं, उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी। 92 साल की उम्र में लक्ष्मण दास मित्तल भारत के दूसरे सबसे उम्रदराज अरबपति हैं। फोर्ब्स की लिस्ट में उन्हें अरबपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया। उनका नेटवर्थ 2.5 अरब डॉलर के आस पास है। एक साधारण एलआईसी एजेंट से लेकर उन्होंने अरबपति तक का सफर तय किया है।  

साल 1931 में पंजाब के होशियारपुर में जन्मे लक्ष्मण दास मित्तल के पिता हुकुम चंद अग्रवाल मंडी में ग्रेन डीलर थे। लक्ष्मण दास मित्तल पढ़ने में हमेशा से अव्वल रहते थे। उन्होंने अंग्रेजी में गोल्ड मेडल किया। पढ़ाई के बाद उन्होंने साल 1955 में एलआईसी एजेंट के तौर पर नौकरी शुरू कर दी, लेकिन उनके मन में हमेशा से कुछ अलग करने का था। वो अपनी सैलरी से एक निश्चित रकम बचाते थे, ताकि अपना कुछ काम कर सके। बचपन से ही वो खेतों और किसानों से जुड़े थे, इसलिए वो उनके लिए कुछ काम करना चाहते थे। 

शुरुआत में उन्होंने कृषि से मशीनों से जुड़े कारोबार में पैसा लगाया। नौकरी के साथ-साथ साल 1962 में उन्होंने थ्रेसर बनाने का काम शुरू किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। कारोबार में भारी घाटा हुआ और उनका कारोबार दिवालिया हो गया। ये नुकसान इतना बड़ा था कि इसकी आंच परिवार तक पहुंच गई। उनके पिता हिम्मत हार गए, लेकिन लक्ष्मण ने फिर से कोशिश शुरू की।  

1990 में उनका प्रमोशन हुआ और वो एलआईसी में डिप्टी जोनल मैनेजर बन गए। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने फिर से बिजनस पर फोकस शुरू कर दिया। साल 1970 में उन्होंने सानालिका ट्रैक्टर की नींव रखी। 

साल 1970 में उन्होंने सोनालिका ट्रैक्टर की शुरुआत की, लेकिन ट्रैक्टर निर्माण का काम 1994 में शुरू हुआ। जब सोनालिका ने रफ्तार पकड़ना शुरू किया वो रिटायर हो चुके थे। उन्होंने अपना पूरा फोकस कारोबार को दिया। सोनालिका ने उनकी किस्मत बदल दी। उन्हें इस कारोबार में सफलता मिलने लगी। आज सोनालिका समूह का नेटवर्थ 23000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रैक्टर ब्रांड बन गया है।  

देश के अलावा 74 देशों में उनका कारोबार फैला है। कंपनी सालभर में 3 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर बनाती है। उन्होंने अपना कारोबार अब अपने दोनों बेटों अमृत सागर मित्तल और दीपक मित्तल को सौंप दिया है, लेकिन कंपनी से ऐसा लगाव है कि आज भी हर दिन ऑफिस आते हैं। 92 साल की उम्र में भी वो सोनालिका इंप्लीमेंट्स का काम संभाल रहे हैं। 

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