जीएसटी चोरी में एचडीएफसी बैंक व पॉलिसी बाजार सहित कई कंपनियों को नोटिस 

मुंबई- जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने 2,250 करोड़ रुपये के गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावे के मामले में एचडीएफसी बैंक, पॉलिसी बाजार व गो डिजिट सहित कई कंपनियों को नोटिस भेजा है। साथ ही जांच का दायरा और ज्यादा बढ़ा दिया है जिसमें कई बिचौलिया बीमा कंपनियां शामिल हैं। 

जानकारी के मुताबिक, डीजीजीआई के मुंबई, गाजियाबाद और बंगलूरू कार्यालयों ने यह सारे नोटिस भेजे हैं। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि इन कंपनियों ने बिना कोई सेवा दिए कई बीमा कंपनियों के लिए नकली जीएसटी चालान जारी किए हैं। साल 2022 में शुरू की गई जांच में अब तक 2,250 करोड़ रुपये की चोरी का पता चला है। इसमें 2018 से मार्च 2022 तक के चालानों पर कार्रवाई की गई है। 

डीजीजीआई के अधिकारियों ने पिछले 15 दिनों में इन बिचौलियों को समन और नोटिस भेजे हैं। देश भर से कम से कम 120 बीमा मध्यस्थ और एग्रीगेटर जांच के दायरे में हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हमारी जांच से पता चला है कि बीमा कंपनियों ने इन बीमा बिचौलियों के नकली चालान के आधार पर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है। हमने इन सभी को नोटिस भेजा है। 

जीएसटी कानून के अनुसार, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के नियम 16 के तहत, खरीदार के पास जीएसटी भुगतान का चालान होना जरूरी है। ऐसे खरीदार को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए सामान या सेवाएं प्राप्त होनी चाहिए। अधिकारियों ने कहा कि इन संस्थाओं ने विपणन सेवाओं की आड़ में अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने की व्यवस्था की थी और फर्जी चालान पेश किए थे। 

एक अन्य मामले में कर अधिकारियों ने बीमा कंपनियों को नोटिस और समन भेज कर कुछ मामलों में कर की वसूली की है। अधिकारी ने कहा कि अभी तक इन कंपनियों से प्री-डिपॉजिट के रूप में 700 करोड़ रुपये एकत्र किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने कहा कि डीजीजीआई ने 12 बीमा कंपनियों को समन जारी किया है। 

इससे पहले डीजीजीआई ने करीब 10-12 म्यूचुअल फंड हाउस को नोटिस भेजकर उनके पिछले लेनदेन का विवरण मांगा था। डीजीजीआई ने कहा कि इन म्यूचुअल फंडों ने गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया है ताकि उनकी जीएसटी देनदारी कम हो सके। डीजीजीआई ने आरोप लगाया कि यह मामला 2017-18 में म्यूचुअल फंड के दावों से संबंधित है। 

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