देश का निर्यात 6 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 447 अरब डॉलर पर
मुंबई- दुनियाभर में उच्च महंगाई, ज्यादा ब्याज दरें और भू राजनीतिक तनाव के बीच वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की सुनहरी तस्वीर दिखी है। इस दौरान देश से रिकॉर्ड 447 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। 2021-22 में 422 अरब डॉलर के मुकाबले यह छह फीसदी ज्यादा है। मुख्य रूप से पेट्रोलियम, फार्मा, रसायन तथा समुद्री उत्पादों के क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से निर्यात अच्छा रहा है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को रोम में संवाददाताओं को आयात और निर्यात के आंकड़ों की जानकारी दी। गोयल ने कहा कि ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 2022-23 में 14 प्रतिशत या करीब 100 अरब डॉलर बढ़कर 770 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जो एक साल पहले 676 अरब डॉलर था। 2020 में यह 500 अरब डॉलर तथा 2021-22 में 676 अरब डॉलर था। देश का सेवा निर्यात भी 2022-23 में 27.16 प्रतिशत बढ़कर 323 अरब डॉलर रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 254 अरब डॉलर था।
इसी दौरान देश का आयात 16.5 फीसदी बढ़कर 714 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। 2021-22 में यह 613 अरब डॉलर था। साथ ही व्यापार घाटा भी एक साल पहले के 191 अरब डॉलर से बढ़कर 267 अरब डॉलर पर चला गया है। गोयल ने कहा कि वस्तुओं और सेवाओं का कुल आयात 892 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और यह दर्शाता है कि देश की आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। इससे निर्यात को समर्थन मिला है।
वस्तु क्षेत्र में इनका अच्छा प्रदर्शन- तेल खली, इलेक्ट्रॉनिक सामान, तंबाकू, तिलहन, चावल, कॉफी, फल और सब्जियां, चमड़े का सामान, फार्मा, समुद्री उत्पाद, रसायन और वस्त्रों के तैयार वस्त्र।
गोयल ने कहा, जब विकसित देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नरमी और मंदी और कई देशों में अभूतपूर्व उच्च महंगाई देख रही है, ऐसे में हमारे निर्यात का प्रदर्शन शानदार रहा है। निर्यात में वृद्धि से चालू खाते के घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह वास्तव में भारत के अंतरराष्ट्रीय बाजार में विस्तार का संकेत है। पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री।