बारिश से फसल बर्बाद होने से पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में गेहूं खरीद नियमों में ढील 

मुंबई—केंद्र सरकार ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं खरीद के गुणवत्ता नियमों में ढील दी है, ताकि संकटपूर्ण बिक्री को रोका जा सके और साथ ही किसानों की सुरक्षा की जा सके। इन राज्यों के कुछ हिस्सों में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इन राज्य सरकारों ने खरीद नियमों में ढील देने की मांग की थी। हालांकि, उत्तर प्रदेश की समान मांग पर फैसला बाद में किया जाएगा। 

केंद्रीय खाद्य विभाग में अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा, क्षेत्रीय सर्वेक्षण के बाद हमने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है, ताकि किसानों की कठिनाई को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने एकसमान निर्देशों के तहत मौजूदा छह फीसदी सीमा के मुकाबले 18 फीसदी तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की सीमा में छूट दी है। यानी छह प्रतिशत तक सूखे और टूटे अनाज वाले गेहूं पर कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी। 

जिन गेहूं की चमक 10 फीसदी तक घट गई है यानी ज्यादा काले हो गए हैं, उन पर मूल्य कटौती लागू नहीं होगी। जिन गेहूं की चमक 10 से 80 फीसदी तक घटी है, उनके मूल्य में 5.31 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य कटौती लागू होगी। सिंह ने कहा कि भंडारण के दौरान ढीले मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक की गुणवत्ता में गिरावट राज्य सरकारों की पूरी जिम्मेदारी होगी। केंद्र ने इन राज्य सरकारों से किसानों को भुगतान करते समय 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में कटौती करने को कहा है। 

सरकार ने चालू विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल से मार्च) के 10 अप्रैल तक 13.20 लाख टन गेहूं की खरीद की है। इसमें ज्यादातर मध्य प्रदेश से खरीदी की गई है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इसी अवधि में पंजाब में करीब 1,000 टन जबकि हरियाणा में 88,000 टन गेहूं की खरीद हुई है। 

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