विमानों में उदंड यात्रियों से निपटने के लिए अब नई नीति, डीजीसीए ने दिया आदेश
मुंबई- नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को विमानन कंपनियों को एडवाइजरी जारी कर विमान में हंगामा करने वाले या उदंड यात्रियों से निपटने के लिए मौजूदा प्रावधानों को दोहराया है। डीजीसीए ने विमानों में यात्रियों की ओर से की जाने वाली अभद्रता से संबंधित घटनाओं के मद्देनजर यह एडवाइजरी जारी की है। बता दें कि एयर इंडिया ने दिल्ली-लंदन उड़ान से चालक दल के दो सदस्यों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने के आरोपी एक पुरुष यात्री को विमान से उतार दिया था।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि नागर विमानन आवश्यकताओं (सीएआर) के तहत उपद्रवी यात्रियों से निपटने के लिए एयरलाइन की ओर की जाने वाली कार्रवाई के प्रावधान हैं। इसके अलावा सीएआर में पायलटों, चालक दल के सदस्यों और इनफ्लाइट सेवाओं के निदेशक की जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया गया है।
डीजीसीए ने कहा कि हाल के दिनों विमान में धूम्रपान, मादक पेय पदार्थों के सेवन जैसी कुछ घटनाएं हुईं हैं। इसके परिणामस्वरूप अनियंत्रित व्यवहार, यात्रियों के बीच विवाद और उड़ान के दौरान विमान में सवार यात्रियों की ओर से कभी-कभी अनुचित स्पर्श या यौन उत्पीड़न किया जाता है। इन घटनाओं के दौरान पदधारक जिनमें पायलट और केबिन क्रू के सदस्य शामिल हैं, उचित कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा, “इस तरह की घटनाओं से विमान परिचालन की सुरक्षा से समझौता होने की आशंका है।”
विमानन क्षेत्र की निगरानी संस्था ने सभी एयरलाइनों के परिचालन प्रमुखों को सलाह दी है कि वे अपने पायलटों, चालक दल के सदस्यों और अन्य पदधारकों को अनियंत्रित यात्रियों से निपटने के प्रति संवेदनशील बनाएं। परामर्श में कहा गया है कि ये उपाय प्रभावी निगरानी, अच्छी व्यवस्था बनाए रखने और विमान में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तक सीमित नहीं हो सकते, अन्यथा विमान संचालन की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।