जर्मनी में काम करने वालों की हो रही है कमी, भारतीय संभाल रहे कारोबार

मुंबई- एक विकसित देश चार लाख स्किल्ड वर्कर्स की तलाश कर रहा है। यह देश है जर्मनी। जर्मनी में उम्रदराज आबादी काफी अधिक है। इस कारण यह 4 लाख कुशल कर्मचारियों की भारी कमी का सामना कर रहा है। ऐसे में यह देश अपनी महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की ओर देख रहा है। एक राजनयिक ने मंगलवार को यह बात कही है।

मुंबई में जर्मनी के महावाणिज्यदूत अचिम फैबिग ने कहा कि उनके देश को वहां उपलब्ध नौकरियों के लिए नर्सेज, इलेक्ट्रीशियन और सोलर यूटिलिटी टेक्नीशियन जैसे स्किल्ड कर्मचारियों की आवश्यकता है। एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, सोमवार देर रात महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के साथ बैठक के दौरान फैबिग ने यह बात कही। फैबिग ने कहा कि भारत में जर्मनी का एक तिहाई निवेश महाराष्ट्र में आता है, जहां उनके देश की 800 कंपनियों में से 300 कंपनियां काम कर रही हैं।

फैबिग ने कहा कि मुंबई में राजनयिक प्रतिनिधि के रूप में उनका ध्यान भारत में उपलब्ध बड़ी संख्या में युवा कार्यबल पर है। इसके माध्यम से जर्मनी की स्किल्ड वर्कर्स की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इससे दोनों देशों को फायदा होगा। फैबिग ने कहा कि करीब 35,000 भारतीय छात्र जर्मनी में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही बड़ी संख्या में तकनीकी विशेषज्ञ वहां आईटी पेशेवरों के रूप में काम कर रहे हैं।

फैबिग ने कहा कि मुंबई में जर्मन वाणिज्य दूतावास का वीजा सेक्शन दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है और जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा बनने के लिए दो कदम चढ़ जाएगा। फैबिग ने कहा कि भले ही भारत के संबंध लंबे समय से हैं, लेकिन दोनों देशों के लोगों को आधुनिक संदर्भ में एक-दूसरे के देश को समझने की जरूरत है। एक अत्यधिक विकसित अर्थव्यवस्था, जर्मनी की आबादी लगभग 8.25 करोड़ या महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों का लगभग दो-तिहाई है। यह भारत की 28 वर्ष की औसत सीमा की तुलना में 48 वर्ष की औसत आयु के साथ दुनिया की तीसरी सबसे पुरानी आबादी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *