नई विदेश व्यापार नीति में उत्तर प्रदेश के ये चार शहर, जानिए क्या है मामला 

मुंबई-नई विदेश व्यापार नीति का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। आज यानी 31 मार्च 2023 को नई विदेश व्यापार नीति 2023-28 भारत सरकार की ओर से लॉन्च कर दी गई है। कोरोना महामारी की वजह से इस पॉलिसी को लाने में तीन साल की देर हो गई है। इस नई पॉलिसी का लक्ष्य भारत के निर्यात को साल 2030 तक 2000 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। ग्लोबल ट्रेड की धीमी पड़ती रफ्तार को तेजी देने और निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य से इस पॉलिसी को लाया गया है।  

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक, इस पॉलिसी का फोकस भारतीय मुद्रा यानी रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार को बढ़ाना है। यह नई विदेश व्यापार नीति एक अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगी। यह नीति पांच वर्ष के लिए है। पिछली नीति 2015 से 2020 तक के लिए बनाई गइ थी। लेकिन कोरोना के चलते नई नीति नहीं लाई जा सकी और यह नीति आठ वर्ष चली है। 


विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष सारंगी के मुताबिक, विदेश व्यापार नीति को वैसे तो पांच वर्षों के लिए बनाया जाता है। लेकिन इस हालिया नीति की खत्म होने की कोई तारीख नहीं है। इसे जरूरत के मुताबिक अपडेट किया जाता रहेगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि नई विदेश व्यापार नीति एक अप्रैल 2023 से प्रभाव में आएगी। संतोष सारंगी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की समाप्ति तक भारत का कुल निर्यात 760-770 अरब डॉलर तक रह सकता है, जो 2021-22 में 676 अरब डॉलर था। 

पिछली नीति पांच साल की अवधि के लिए एक अप्रैल, 2015 से प्रभाव में आई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से इसे कई बार विस्तार दिया गया। अंतिम बार इसे सितंबर 2022 में 31 मार्च, 2023 तक के लिए विस्तार दिया गया था। इस नई विदेश नीति में चार नए शहरों को शामिल किया गया है। ये शहर फरीदाबाद, मुरादाबाद, मिर्जापुर और वाराणसी हैं.

एफटीपी 2023 से ई-वाणिज्य निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साल 2030 तक बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के माध्यम से निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की जा रही है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने का भी है। 

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