दरों को बढ़ाने में शीर्ष देशों में भारत छठे स्थान पर, इस बार भी होगी वृद्धि 

मुंबई- दुनिया के शीर्ष देशों में ब्याज दरों को बढ़ाने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) छठे स्थान पर है। जबकि अमेरिका पहले स्थान पर है। पिछले साल से महंगाई पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय बैकों ने दरों को बढ़ाने का तरीका अपनाया था। हालांकि, बावजूद इसके काफी सारे देशों में अभी भी महंगाई उनके तय दायरे से ऊपर ही बनी हुई है। 

पिछले साल मई से लेकर अब तक आरबीआई ने रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि की है। अप्रैल में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में एक बार फिर से दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। ऐसे में यह 2.75 फीसदी हो जाएगी। बुधवार को रॉयटर्स के एक सर्वे में 62 में से 49 अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई 3-6 अप्रैल की बैठक में रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर सात साल के उच्च स्तर तक ले जा सकता है। 

अर्थशास्त्रियों ने कहा, हालांकि, आरबीआई आगे इस साल दरों को यथावत रखेगा। उत्तर देने वाले 36 में से 20 अर्थशास्त्रियों ने कहा कि आरबीआई आक्रामक रुख को वापस ले लेगा जबकि बाकी ने कहा कि यह उसका रुख तटस्थ रह सकता है। 33 उत्तरदाताओं में से 18 ने कहा कि हो सकता है कि उनके अनुमान से ज्यादा वृद्धि केंद्रीय बैंक कर दे। 17 अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हो सकता है कि रेपो दर हो सकता है कि सात फीसदी के स्तर पर भी पहुंच जाए। 

डच बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक दास ने कहा, महंगाई एक निरंतर चिंता के साथ बढ़ रही है और मध्यम अवधि के महंगाई संबंधी जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई अपने सभी विकल्प खुले रखेगा। सर्वे के मुताबिक, महंगाई दर चालू वर्ष में 6.70 फीसदी से ऊपर ही रह सकती है। अगले साल यह 4 फीसदी के आसपास रह सकती है। 

अमेरिका ने पिछले साल से अब तक 4.75 फीसदी, कनाडा ने 4.25 फीसदी, यूके ने चार फीसदी, यूरोपीय यूनियन ने 3.50 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया ने 3.25 फीसदी, दक्षिण कोरिया, स्विटजरलैंड ने 2.25 फीसदी और भारत ने 2.5 फीसदी की बढ़त की है। चीन ने इसी दौरान 15 फीसदी की कमी की है।  

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