अगले महीने रेपो दर को फिर से 0.25 फीसदी बढ़ा सकता है आरबीआई 

मुंबई। खुदरा महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के सख्त रुख अपनाने के बीच आरबीआई भी अगले महीने होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में एक बार फिर 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक 3 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी। 

2023-24 की पहली एमपीसी बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े विभिन्न घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय हालातों की व्यापक समीक्षा होगी। इसमें खुदरा महंगाई की स्थिति के साथ अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व, यूरोपीय सेंट्रल बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड जैसे प्रमुख केंद्रीय बैंकों के हाल में उठाए गए कदमों पर भी गहन चर्चा होगी। इसके बाद ही रेपो दर बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा। 

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, पिछले दो महीनों से खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और तरलता के भी लगभग तटस्थ हो जाने के बाद अनुमान है कि आरबीआई रेपो दर में एक बार फिर 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। साथ ही, वह अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि नीतिगत दरों में वृद्धि का दौर खत्म हो चुका है। 

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत का कहना है कि रेपो दर में अप्रैल में होने वाली यह इस साल की अंतिम वृद्धि हो सकती है। हालांकि, पीडब्ल्यूसी इंडिया के भागीदार (आर्थिक सलाहकार सेवाएं) रानेन बनर्जी ने कहा, भारत में महंगाई के पीछे आपूर्ति कारकों के बड़ी वजह होने से एमपीसी इस बार ब्याज दर में वृद्धि का सिलसिला रोकने का फैसला भी कर सकती है। 

महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई मई, 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी कर रहा है। इस दौरान रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच चुकी है। फरवरी की एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि की गई थी। 

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