मनरेगा में सबसे ज्यादा हरियाणा में मिलेगी मजदूरी, मध्यप्रदेश में सबसे कम
मुंबई- मनरेगा में काम करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें बढ़ी हुई मजदूरी मिलेगी। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत मजदूरी दरों में वृद्धि को अधिसूचित किया है। इसके तहत हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी 357 रुपये प्रति दिन मिलेगी। वहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे कम मजूदरी 221 रुपये प्रति दिन है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 24 मार्च को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी दरों में बदलाव की अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की धारा 6(1) के तहत जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि केंद्र अधिसूचना द्वारा अपने लाभार्थियों के लिए मजदूरी दर निर्धारित कर सकता है।
मजदूरी में इजाफा सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक किया गया है। बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। पिछले साल की दरों की तुलना में राजस्थान में मजदूरी में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई है। राजस्थान के लिए संशोधित मजदूरी 255 रुपये प्रति दिन है, जो 2022-23 में 231 रुपये थी।
बिहार और झारखंड ने पिछले साल की तुलना में लगभग 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। पिछले साल, इन दोनों राज्यों में किसी मनरेगा मजदूर के लिए दैनिक मजदूरी 210 रुपये थी। अब इसे संशोधित कर 228 रुपये कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लिए, जहां सबसे कम दैनिक मजदूरी 221 रुपये है, पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों राज्यों में दैनिक मजदूरी 204 रुपये निर्धारित थी।
राज्यों के लिए मजदूरी में वृद्धि दो से 10 प्रतिशत के बीच है। सबसे कम प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने वाले राज्यों में कर्नाटक, गोवा, मेघालय और मणिपुर शामिल हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक वित्त वर्ष में कम से कम 100 दिन रोजगार की गारंटी दी जाती है।