वित्तीय निवेश के लिए सलाहकार जरूरी, नहीं तो हो सकता है आपको घाटा
मुंबई- डीप मैनेजमेंट एंड इको कंसल्टेंट्स के पीके सिन्हा कहते हैं कि सफल होने के लिए निवेश को लेकर स्मार्ट निर्णय लेने की जरूरत है। लेकिन इन सबसे पहले जो जरूरी है वह यह कि आपको एक ऐसे वित्तीय सलाहकार की मदद भी चाहिए, जो निवेश का सही रास्ता बता सके।
जिस तरह से सही रास्ते के लिए एक सारथी की जरूरत होती है, उसी तरह से म्यूचुअल फंड या बीमा या किसी भी वित्तीय बचत के निवेश में एक सही वित्तीय सलाहकार की जरूरत होती है। सलाहकार आपको यह बताता है कि किसी लंबे समय के निवेश के लिए धैर्य कितना जरूर है। वह आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए निवेश का सुझाव देता है।
इस समय शेयर बाजारों में भारी गिरावट है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक एक बार फिर से ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी कर रहे हैं। ऐसे में काफी सारे शेयर अपने शीर्ष भाव से बहुत सस्ते भाव में उपलब्ध हैं। एडलवाइस एग्रेसिव हाइब्रिड फंड भी इसी वर्ग में आता है। फंड का उद्देश्य संपत्ति के तय आवंटन के साथ इक्विटी व डेट दोनों में निवेश के माध्यम से विविधीकरण प्रदान कर और दोनों वर्गों में निवेश सुनिश्चित करते हुए निवेशकों की उम्मीदों को पूरा करना है। यह फंड इक्विटी और डेट के भीतर एक सक्रिय रणनीति का उपयोग करता है ताकि बाजार के बदलते परिदृश्य का लाभ उठाया जा सके।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों के लिए जोखिम को समायोजित और नियमित निगरानी करते हुए सबसे बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करना चाहिए। डेट और इक्विटी के मिले-जुले फंड पूरे पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करते हुए लगातार रिटर्न देते हैं। निवेश कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे अकेले किया जाना चाहिए। इसके लिए बहुत अधिक ज्ञान, अनुभव और अनुशासन की आवश्यकता होती है।
देश में हर साल 31 मार्च को वित्तीय सलाह दिवस मनाया जाता है। इस पहल का उद्देश्य वित्तीय योजना के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय विशेषज्ञों से सलाह लेना है। आपको 31 मार्च तक म्यूचुअल फंड में अपना नॉमिनी भी पंजीकृत करना है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आप अपने खाते से पैसा नहीं निकाल पाएंगे।
भू-राजनीतिक तनाव के बीच वैश्विक केंद्रीय बैंकों के प्रोत्साहन के रुख से उभरती अनिश्चितताओं को देखते हुए निकट अवधि में बाजारों में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। भारतीय बाजार की बात करें तो यह हाल के समय में 61 हजार से टूटकर अब 58 हजार से भी नीचे पहुंच गया है। ऐसे में जोखिम लेने की क्षमता और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए विविधीकृत म्यूचुअल फंड के साथ अपने इक्विटी पोर्टफोलियो की संरचना करें। जब इक्विटी निवेश की बात आती है, तो संपत्ति निर्माण और जीवन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लार्ज और मिड कैप में निवेश करना महत्वपूर्ण होता है।
लार्ज कैप स्थापित कारोबार और सेक्टर में अग्रणी होते हैं।जबकि मिडकैप कंपनियों में लार्ज कैप बनने की क्षमता है। इस प्रकार दोनों के निवेश से निवेशकों को स्थिरता और पूंजी में वृद्धि मिलती है। एक आम निवेशक के लिए बाजार पर नज़र रखना और आवश्यक निवेश का फैसला लेना आसान नहीं है। यहीं पर लार्ज एवं मिडकैप इक्विटी योजनाएं बचाव में आती हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज एंड मिडकैप फंड इस वर्ग में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। इक्विटी में उपयुक्त निवेश के माध्यम से भारत की विकास गाथा में निवेश करना लंबे समय में संपत्ति बनाने का सबसे अच्छा तरीका है।
हाल में वित्त विधेयक में यह फैसला किया गया है कि म्यूचुअल फंड में जो कंपनियां डेट की कुल संपत्ति का 35 फीसदी से कम इक्विटी में निवेश करेंगी, उनको लंबी अवधि के टैक्स का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में आपके लिए यह जरूरी है कि कौन सी कंपनियां हैं जो इक्विटी में 35 फीसदी से ज्यादा निवेश करती हैं। ऐसी स्थिति में आपको लंबी अवधि के कर का लाभ मिलता रहेगा। लंबी अवधि के कर का लाभ तब मिलता है जब आप तीन साल से ज्यादा के लिए निवेश करते हैं।