फ्यूचर एंड ऑप्शन में एसटीटी बढ़ा, अब देना होगा ज्यादा टैक्स, जानिए नियम
मुंबई- वित्त मंत्रालय ने शेयर बाजारों में निवेश करने वालों को झटका दिया है। इसने फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) निवेशकों के लिए सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को 0.05 फीसदी से बढ़ाकर 0.062 फीसदी कर दिया है।
नए नियम के मुताबिक, ऑप्शन ट्रेडर्स को अब एक करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 6,200 रुपये का एसटीटी देना होगा, जो पहले 5,000 रुपये था। इसका मतलब कि 25 फीसदी की वृद्धि की गई है।
इसी तरह फ्यूचर की बिक्री पर एसटीटी को 0.01 फीसदी से बढ़ाकर 0.125 फीसदी कर दिया गया है। इसका मतलब यहां भी 25 फीसदी की वृद्धि की गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो एक करोड़ के टर्नओवर पर जब फ्यूचर की बिक्री की जाएगी तो 1,250 रुपये एसटीटी लगेगा।
मास्टर कैपिटल सर्विसेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह कहते हैं कि एसटीटी में वृद्धि से इंट्रा डे ऑप्शन पर असर होगा क्योंकि उनकी रणनीति की लागत बढ़ जाएगी। इससे हाई फ्रिक्वेंसी ट्रेडर्स (एचएफटी) ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि उनका वॉल्यूम ज्यादा है। एसटीटी में वृद्धि एचएफटी वाले एफएंडओ व्यापारियों के मनोबल को और गिराने वाली है और खुदरा निवेशक का भी मनोबल गिरेगा।
एसटीटी कब लगता है- दरअसल जब आप शेयर बाजार में कारोबार करते हैं तो उस समय एक्सचेंज शुल्क, स्टांप ड्यूटी, जीएसटी, ब्रोकरेज, कैपिटल गेन टैक्स और सेबी के शुल्क लगते हैं। इनके बाद एसटीटी लगाया जाता है।
इस बीच, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने 1 अप्रैल से इक्विटी कैश और डेरिवेटिव सेगमेंट पर लेनदेन शुल्क में 6% की वृद्धि को वापस ले लिया है। जनवरी 2021 में शुल्क में आंशिक रूप से 6% की वृद्धि की गई थी।