आईडीबीआई बैक के जीएम ने विजय माल्या को कर्ज देने में की गड़बड़ी 

मुंबई- भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर करीब 9,900 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने एक नया खुलासा किया है। जांच एजेंसी का कहना है कि विजय माल्या को 150 करोड़ रुपये का लोन देने के लिए आईडीबीआई बैंक के तत्कालीन जीएम ने कागजातों के साथ छेड़छाड़ की थी। सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में एक सप्लीमेंटरी चार्जशीट में आईडीबीआई बैंक को पूर्व जीएम बुद्धदेव दासगुप्ता को आरोपी बनाया है। उन पर आरोप उन्होंने माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन को 150 करोड़ रुपये का लोन देने के लिए रेकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि माल्या ने इन पैसों का इस्तेमाल अपने ऐशो आराम के लिए किया और पैसा होने का बावजूद इस लोन का भुगतान नहीं किया। 

सीबीआई ने साथ ही कहा कि ब्रिटेन से मिले सबूतों के मुताबिक लंदन के एचएसबीसी बैंक  में किंगफिशर के अकाउंट से पैसे माल्या की मोटररेसिंग टीम फोर्स इंडिया फॉर्मूला-वन टीम लिमिटेड को भेजे गए। स्विस अधिकारियों से सीबीआई को यह भी पता लगा है कि माल्या ने 2014-15 में वहां के बैंकों में अकाउंट खोलने के लिए दी गई जानकारी में खुद को राज्य सभा का सदस्य बताया था। इसमें कहा गया था कि माल्या प्रोफेशनल पॉलिटिशियन नहीं है और किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। माल्या का कहना था कि वह इंडस्ट्री के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य सभा में है। 


सीबीआई का आरोप है कि माल्या को साल 2016 में डियाजियो पीएलसी (Diageo PLC) से चार करोड़ डॉलर मिले थे जिसे उसने स्विट्जरलैंड में अपने बच्चों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया था। उसने पर्सनल गारंटी एग्रीमेंट में इस एसेट का इस्तेमाल किया था। यह गारंटी एग्रीमेंट का उल्लंघन है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में विजय माल्या को सजा भी सुनाई है। कोर्ट ने माल्या को कोई ट्रांजेक्शन नहीं करने का आदेश दिया था। लेकिन उसने चार करोड़ डॉलर अपने बच्चों के नाम पर ट्रांसफर किए थे। कोर्ट ने इसे अपनी अवमानना मानते हुए माल्या को चार महीने जेल की सजा सुनाई थी और 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। 


माल्या की कंपनियों ने आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ रुपये का लोन लिया था लेकिन इसका भुगतान नहीं किया। साथ ही माल्या की कंपनियों ने बैंकों के कंसोर्टियम से 9,900 करोड़ रुपये का लोन लिया था और पेमेंट में डिफॉल्ट किया। सीबीआई का आरोप है कि साल 2008 में किंगफिशर एयरलाइन भयंकर नकदी संकट से जूझ रही थी लेकिन उस समय माल्या विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने में व्यस्त था। उसने ब्रिटेन में 80 करोड़ रुपये और फ्रांस में 250 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। चार्जशीट में कहा गया है कि माल्या अभी ब्रिटेन में उसी प्रॉपर्टी में रह रहा है।

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