टाटा समूह ने राजेश गोपीनाथन को रोकने की कोशिश की, पर वह नहीं रुकेंगे 

मुंबई- देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के एमडी और सीईओ राजेश गोपीनाथन ने हाल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वह 22 करीब से कंपनी से जुड़े थे और पिछले छह साल से इसे लीड कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वह 15 सितंबर तक कंपनी में बने रहेंगे। लेकिन टाटा ग्रुप उन्हें 15 सितंबर के बाद भी बतौर एडवाइजर कंपनी से जोड़े रखना चाहता है।  

टाटा ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन इस बारे में गोपीनाथन के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। ग्रुप को एक भरोसेमंद और अनुभवी व्यक्ति चाहिए, इसलिए दोनों अधिकारियों के बीच इस बारे में शुरुआती दौर की बातचीत चल रही है। 

हालांकि टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस और टीसीएस ने इस बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। एक सूत्र ने बताया कि गोपीनाथन के नोटिस की अवधि 15 सितंबर को खत्म हो जाएगी। इसके बाद भी टाटा ग्रुप में गोपीनाथन को सलाहकार भूमिका में बनाए रखने के बारे में चंद्रशेखरन ने उनसे बात की है। हालांकि गोपानाथन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि टाटा ग्रुप के साथ एडवाइजर के तौर पर जुड़ने की उनकी तत्काल कोई योजना नहीं है। टाटा ग्रुप के बोर्ड ने उनकी जगह के कृतिवासन को सीईओ डेजिगनेट किया है। 

52 साल के गोपीनाथन फरवरी 2017 में टीसीएस के सीईओ बनाए गए थे। उससे पहले चंद्रशेखरन इस पद पर थे। उन्हें टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था। इस्तीफा देने के बाद गोपीनाथन ने कहा था कि उन्होंने टीसीएस में अपने 22 साल के कार्यकाल में अपने काम का लुत्फ उठाया। चंद्रा (चंद्रशेखरन) के साथ काम करने में बहुत मजा आया। इस दौरान उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया। छह साल तक इस अहम कंपनी को लीड करना शानदार अनुभव रहा। टीसीएस मार्केट कैप के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले नंबर पर है। 

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