पेटीएम के घाटे से सेबी ने आईपीओ के कड़े किए नियम, 6 को वापस लौटाया
मुंबई- पेटीएम के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में निवेशकों को भारी घाटे पर सेबी ने कदम उठाया है। इसने आईपीओ को मंजूरी देने के मामले में सावधानी बरतना शुरू कर दिया है। इसने दो माह में छह कंपनियों के इश्यू को वापस लौटा दिया है। साथ ही कहा है कि कंपनियां फिर से सारी जानकारियों को अपडेट कर मसौदा जमा कराएं।
सेबी ने जिन कंपनियों के मसौदों (डीआरएचपी) को वापस लौटाया है, उसमें ओयो चलाने वाली ओरावेल, गो डिजिट इंश्योरेंस, लावा इंटरनेशनल, पेमेंट इंडिया, फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक और बीवीजी इंडिया हैं। इन सभी ने सितंबर, 2021 से मई, 2022 के बीच मसौदा जमा कराया था। इनके कागजात इस साल जनवरी से मार्च के बीच वापस लौटाए गए हैं। ये कंपनियां आईपीओ से 12,50 करोड़ रुपये जुटाने वाली थीं। 2021 में कुछ भारी-भरकम आईपीओ में निवेशकों के पैसे गंवाने के बाद सेबी आईपीओ को मंजूरी देने में सख्त हो गया है।
पेटीएम, जोमैटो और नायका जैसी नए जमाने की डिजिटल कंपनियों के आईपीओ की लिस्टिंग की गड़बड़ी के बाद निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इसके बाद सेबी ने नियमों को मजबूत कर दिया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख वीके विजय कुमार ने कहा कि सेबी का फैसला स्वागत योग्य है और निवेशकों के हित में है। हालांकि, निवेशकों को आईपीओ के लिए आवेदन करते समय अपने दिमाग का इस्तेमाल करना होगा और उनकी ऊंची कीमत से भी बचना होगा।
पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशन नवंबर, 2021 में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुई थी। 2010 में कोल इंडिया के 15,300 करोड़ रुपये के बाद 18,300 करोड़ रुपये जुटाने वाली पेटीएम का आईपीओ सबसे बड़ा था। हालांकि, कभी भी इसका शेयर इसके मूल भाव पर नहीं पहुंच पाया। अभी भी इसका शेयर इश्यू भाव से 72 फीसदी नीचे पर कारोबार कर रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि सेबी का हालिया कदम मर्चेंट बैंकरों को मसौदा जमा करने के लिए जरूरी सूचनाओं का पूरी तरह से पालन करने के लिए एक मजबूत संदेश देता है। इससे मर्चेंट बैंकरों को भी अब ज्यादा से ज्यादा सूचनाओं को मिलाकर काम करना होगा। इससे पहले सेबी आईपीओ लाने वाली कंपनियों को चार महीने का अतिरिक्त समय देता था। इससे आईपीओ के मूल्य दायरे में गड़बड़ी की आशंका रहती थी।
इस साल में अब तक केवल 9 कंपनियों ने ही आईपीओ लाने के लिए मसौदा जमा कराया है। केवल दो कंपनियां ही अपने निर्गम लाई हैं और इनसे 730 करोड़ रुपये जुटाई हैं। 2022 में 38 कंपनियों ने 59,000 करोड़ और 2021 में 63 कंपनियों ने 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे।