डिजिटल बैंकिंग- आठ वर्षों में 15 लाख मामलों में 4,128 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

मुंबई- डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इससे संबंधित धोखाधड़ी के भी मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। आरबीआई ने बताया है कि जनवरी, 2014 से लेकर दिसंबर, 2022 के बीच कुल 15 लाख से ज्यादा मामलों में 4,128 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इसमें डेबिट, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के साथ अन्य तरह के मामले शामिल हैं। हालांकि, कुछ मामलों की बाद में बैंकों ने जानकारी दी, इसलिए अलग-अलग साल में मामले बदलते भी गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, 2014-15 में डेबिट कार्ड के केवल 71 मामले थे लेकिन 2019-20 में यह बढ़कर 36,978 हो गया। साथ ही इसकी रकम भी करीब 1.51 करोड़ से 67 गुना बढ़कर 102.13 करोड़ रुपये हो गई। 2020-21 में 2,99,765 मामलों में 322.92 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी। 2021-22 में कुल 2,21,705 मामलों में 392.54 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। हालांकि, 2022-23 में यह कम होकर 29.21 करोड़ रुपये हो गई। जबकि केवल 7,395 मामले दर्ज किए गए।

क्रेडिट कार्ड के मामलों की संख्या 2014-15 में 119 से बढ़कर 2019-20 में 26,580 हो गई जबकि रकम 3.41 करोड़ रुपये से बढ़कर 74.69 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, 2022-23 में मामलों की संख्या घटकर 20,017 हो गई लेकिन रकम बढ़कर 93.89 करोड़ रुपये हो गई।

इंटरनेट बैंकिंग की भी धोखाधड़ी में तेजी आई है। 2014-15 में कुल 42 मामलों में 2.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। 2020-21 में यह 20,476 मामलों में 86.66 करोड़ रुपये हो गई। 2022-23 में मामले घटकर 8,121 हो गए और रकम 69.96 करोड़ रुपये रह गई।

आरबीआई ने बताया कि डेबिट, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई जैसे डिजिटल भुगतान में 2020-21 में कुल 4,49,684 मामले दर्ज किए गए और इनकी रकम 636.12 करोड़ रुपये रही। 2021-22 मे 3,59,791 मामलों में 816.40 करोड़ और अप्रैल, 2022 से सितंबर, 2022 की अवधि में 1,48,887 मामलों में 418.31 करोड़ रुपये की ठगी कई गई।

आरबीआई ने कहा कि उसने इन धोखाधड़ी को रोकने के लिए कम से कम 16 सर्कुलर या बैंकों को सलाह देकर कई उपाय किए हैं। इसमें उन्हें इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। सारदा ने कहा, आंकड़े बताते हैं कि आरबीआई, बैंकों और अन्य एजेंसियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद क्रेडिट कार्ड से सबसे ज्यादा धोखाधड़ी हो रही है। इसके बाद डेबिट कार्ड और अन्य साधनों के जरिये लोगों को ठगा जाता है।

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