मौद्रिक नीति में तेजी से बदलाव का प्रभाव पूरे सिस्टम पर पड़ रहा भारी: चीन  

नई दिल्ली। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के पतन से पता चलता है कि मौद्रिक नीति में तेजी से बदलाव का प्रभाव कैसे पूरे सिस्टम पर भारी पड़ रहा है। बैंक के डिप्टी गवर्नर जुआन चांगनेंग ने बीजिंग में ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट फोरम को बताया कि कुछ वित्तीय संस्थान कम ब्याज दर की अस्थिरता के माहौल में अपनी बैलेंस शीट चलाने के आदी हो गए हैं और इस तरह दरों में शॉर्ट टर्म और बड़े उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशीलता का अभाव देखा गया। 

उनके मुताबिक, सिलिकॉन वैली बैंक की बैलेंसशीट की विशेषताओं ने इसे ब्याज दरों में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया और जो अंततोगत्वा जोखिम का कारण बना। मौजूदा स्थिति के आधार पर, इस बारे में अभी भी अनिश्चितता है कि क्या प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति निकट समय में गिर जाएगी और उच्च ब्याज दरों को बनाए रखने से बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली के स्थिर संचालन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 

जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने शनिवार को कहा कि भारत में स्टार्टअप सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के लिए निर्माण कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं। कांत ने कहा कि हमारा स्टार्टअप मॉडल अमेरिका के बिग टेक और यूरोप के जीडीपीआर के मॉडल से अलग है। बड़े तकनीकी मॉडल इसलिए बढ़े क्योंकि वे नागरिकों के डेटा तक पहुंच बनाने में सक्षम थे। इसलिए, जितने भी खोजपरख हुए हैं, वे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), एमएल में हुए हैं। इसके बिल्कुल विपरीत, भारत ने एक बहुत अलग मॉडल बनाया। 

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