बैंकों के डूबने के बीच आरबीआई गवर्नर की चेतावनी, ,संपत्ति और कर्ज में असंतुलन हानिकारक 

मुंबई- अमेरिका में दो बैंकों के डूबने और तीसरे बैंक के संकट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय बैंकों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि संपत्ति और कर्ज में असंतुलन वित्तीय स्थिरता के लिए हानिकारक हो सकता है। अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में चल रहा संकट कुछ इसी तरह के बेमेल के कारण पैदा हुआ है। 

कोच्चि में एक कार्यक्रम में शुक्रवार को दास ने कहा, बैंकिंग प्रणाली में चल रहा मौजूदा संकट मजबूत नियमों के महत्व को बताता है जो टिकाऊ विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, न कि संपत्ति या कर्ज का ज्यादा निर्माण करते हैं। अमेरिकी बैंकों का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, पहली नजर में उनमें से एक के पास अपनी संपत्ति और कारोबार से अधिक जमा राशि है जिसे संभालना मुश्किल है। 

निजी डिजिटल मुद्राओं के खुले आलोचक रहे दास ने कहा, अमेरिकी बैंकिंग संकट भी स्पष्ट रूप से वित्तीय प्रणाली के लिए निजी क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों को दर्शाता है। आरबीआई लगातार बैंकों से जुड़ा रहा है। उन्हें मजबूत जोखिम नियमों को अपनाने, समय-समय पर परीक्षण करने और पर्याप्त पूंजी भंडार बनाने के लिए प्रेरित किया है। 

विनिमय दरों में निरंतर अस्थिरता के बीच, विशेष रूप से डॉलर के मुकाबले रुपये में भारी गिरावट पर उन्होंने कहा, हमें डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमारा बाहरी ऋण प्रबंधनीय है और इस प्रकार मूल्य वृद्धि हमारे लिए कोई समस्या नहीं रखता है। रुपया शुक्रवार को बढ़त में रहा, लेकिन उससे पहले तीन दिन तक इसमें लगातार तेज गिरावट दर्ज की गई थी। 

गवर्नर ने कार्यक्रम में यह दावा किया कि महंगाई का बुरा दौर पीछे छूट गया है। हमारा वित्तीय क्षेत्र काफी स्थिर और मजबूत है। हालांकि, दास के इस बयान के उलट महंगाई दर देश में लगातार 6 फीसदी से ऊपर बनी रही है। बीच में जरूर इसमें कुछ कमी आई थी, लेकिन फरवरी में खुदरा महंगाई फिर से 6 फीसदी से ऊपर चली गई। 

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