अमेरिका के बैंकों में इन्फोसिस, टीसीएस और माइंडट्री का है सबसे ज्यादा निवेश 

मुंबई- भारतीय शेयर बाजार अभी तक अडानी ग्रुप के संकट से भी पूरी तरह नहीं उबर पाया है कि एक और मुसीबत ने दरवाजे पर दस्तक दे दी है। अमेरिका से शुरू बैंकिंग संकट यूरोप पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि यह आगे और गहरा सकता है। इस बीच जेपी मोर्गन  के एनालिस्ट्स का कहना है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे अमेरिका के बैंकों में सबसे ज्यादा एक्सपोजर भारत की दो बड़ी आईटी कंपनियों टीसीएस (TCS) और इन्फोसिस का है। उनके कुल रेवेन्यू में अमेरिका के रीजनल बैंक्स की हिस्सेदारी 2-3 फीसदी है।  

हाल में डूब गए सिलिकॉन वैली बैंक में टीसीएस, इन्फोसिस और माइंडट्री का एक्सपोजर 10 से 20 बेसिस पॉइंट हो सकता है। इसमें टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस का एक्सपोजर सबसे ज्यादा है। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक जेपी मोर्गन ने एक नोट में कहा कि इन तीनों कंपनियों को सिलिकॉन वैली बैंक में अपने एक्सपोजर के लिए प्रॉविजन करना पड़ सकता है। इसमें कहा गया है कि एसवीबी और सिग्नेचर बैंक के डूबने तथा अमेरिका और यूरोप में लिक्विडिटी की चिंताओं बैंक शॉर्ट टर्म में अपने टेक बजट को कम कर सकते हैं।  

देश की आईटी इंडस्ट्री पहले ही यूरोप और अमेरिका में मैक्रोइकॉनमिक एनवायरमेंट की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। महामारी के कारण डिमांड कम हुई है। इस कारण कंपनियां टेक्नोलॉजी पर खर्च कम कर रही हैं। बैंकिंग क्राइसिस से स्थिति और बदतर हो सकती है। इस कारण अगली कुछ तिमाहियों में आईटी कंपनियों का रेवेन्यू प्रभावित हो सकता है। 

भारतीय आईटी कंपनियों का सबसे ज्यादा रेवेन्यू बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर से आता है। इस सेक्टर में अमेरिकी बैंकों में उनका एक्सपोजर औसतन 62 फीसदी और यूरोप में 23 फीसदी है। माइंडट्री ने हाल में कहा था कि एसवीबी समेत अमेरिकी बैंकों में उसका एक्सपोजर मामूली है। टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी और मार्केट कैप के हिसाब से मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *