एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. विलय को एनसीएलटी की मिली मंजूरी
मुंबई- एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि के विलय को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (इरडाई) और पेंशन फंड रेगुलेटर एवं डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (पीएफआरडीए) ने भी मंजूरी दे दी थी। शेयर बाजारों और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है।
भारत के कॉरपोरेट इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा लेनदेन है। पिछले साल अप्रैल में दोनों संस्थानों ने विलय की घोषणा की थी। इनका मूल्यांकन 40 अरब डॉलर आंका गया था। प्रस्तावित संस्थान के पास करीब 18 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति होगी। विलय अगले वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है। उधर, शुक्रवार को एचडीएफसी लि का बोर्ड एनसीडी के जरिये कई चरणों में 57,000 करोड़ रुपये जुटाने को 27 मार्च को मंजूरी देने पर विचार करेगा।
दोनों संस्थानों का सौदा पूरा होने के बाद एचडीएफसी बैंक में पूरी हिस्सेदारी जनता की हो जाएगी। जबकि एचडीएफसी लि के शेयर धारकों को बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। एचडीएफसी लि के हर शेयरधारक को 25 शेयर पर एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर दिए जाएंगे। वर्तमान में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 15 लाख करोड़ के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज और 12.63 लाख करोड़ रुपये के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस सबसे बड़ी कंपनी हैं।