अनिश्चित समय में सुरक्षा का मार्जिन बनाए रखने की जरूरत- नागेश्वरन 

मुंबई- मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका में हाल के घटनाक्रमों के बाद वैश्विक अनिश्चितता बढ़ रही है और सरकारों, व्यवसायों व व्यक्तियों को राजकोषीय, कॉर्पोरेट और बचत खाता योजना में ‘सुरक्षा का मार्जिन’ रखना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप अनिश्चित समय का सामना कर रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करना है कि हमारे संचालन में सुरक्षा का मार्जिन हो, चाहे वह कॉरपोरेट्स के लिए हो या निवेशकों के लिए। 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के जनवरी के वैश्विक विकास अनुमान पुराने लग रहे हैं। देशों को यह देखना होगा कि पिछले सप्ताह अमेरिका में हुए घटनाक्रम के प्रभाव क्या होंगे। नागेश्वरन ने कहा कि अनिश्चितता बढ़ रही है और पिछले सप्ताह में कुछ पायदान ऊपर चली गई है। यह एक ऐसी चीज है जिसके साथ देशों को न केवल इस वर्ष बल्कि अगले वर्ष और उससे आगे भी रहने की आवश्यकता है। 

अगर पिछले हफ्ते हुए घटनाक्रम से फेडरल रिजर्व के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकने की जरूरत पैदा होती है तो हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि अमेरिका में वास्तविक ब्याज दरों का क्या होता है और इसका अमेरिकी डॉलर पर क्या असर होगा। साथ ही, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। मुझे विश्वास है कि एक अर्थ में यह अधिकतर सकारात्मक होगा। यानी, उनकी मुद्राओं पर दबाव कम हो जाएगा। अगर फेडरल रिजर्व दरों को बढ़ाया तो हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि यह अन्य बैंकिंग संस्थानों और समग्र अर्थव्यवस्था आदि पर किस प्रकार का प्रभाव पैदा कर सकता है। 

कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उदय कोटक का कहना है कि भले ही वित्तीय बाजारों में वैश्विक उथल-पुथल जारी है, भारत के लिए मैक्रो हालत बेहतर हो रहे हैं। वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से खड़ी रहेगी। वित्त वर्ष 2023 में चालू खाता घाटा 2.5 फीसदी से नीचे और वित्त वर्ष 2024 में 2 फीसदी से नीचे जा रहा है। सस्ता कच्चा तेल मदद कर रहा है। 

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, देश की अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 6 फीसदी की दर से बढ़ सकती है और कॉरपोरेट का राजस्व दो अंकों में वृद्धि कर सकता है। अगले पांच साल में यह 6.8 फीसदी की दर से विकास कर सकती है। हालांकि, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अगले साल 7 फीसदी की विकास दर की उम्मीद का अनुमान लगाया है। चालू तिमाही में इसके 4.5 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। 

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