निवेशकों को सोने की जूलरी से ज्यादा रिटर्न मिला व्हिस्की के निवेश में  

मुंबई- सोने को सबसे सुरक्षित रिटर्न माना जाता है। लेकिन पिछले दस साल में औसतन रिटर्न की बात करें तो लग्जरी आइटम में जूलरी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। इस दौरान जूलरी पर औसतन 44 फीसदी रिटर्न मिला है। दूसरी ओर रेयर व्हिस्की ने 373 फीसदी रिटर्न दिया है।  

नाइट फ्रेंक लग्जरी इनवेस्टमेंट इंडेक्स के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर में सॉद्बी ने The Macallan 81 साल पुरानी सिंगल मॉल्ट व्हिस्की की बोतल 300,000 पौंड में बेची। इतना ही नहीं वाइन पर भी पिछले दस साल में औसतन 162 फीसदी रिटर्न मिला है। 

इस लिस्ट में कारें दूसरे नंबर पर हैं। लग्जरी कारों ने पिछले दस साल में 185 फीसदी रिटर्न दिया है। तीसरे नंबर पर वाइन है। वाइन ने 162 फीसदी रिटर्न दिया है। अगर आपने महंगी घड़ियों में निवेश किया है तो पिछले साल में औसतन 147 फीसदी रिटर्न मिला है। आर्ट में निवेश पर इस दौरान 91 फीसदी रिटर्न मिला है। इसी तरह हैंडबैग्स पर 74 फीसदी, कॉइन्स पर 59 फीसदी और जूलरी पर 44 फीसदी रिटर्न मिला है। व्हिस्की में निवेश को एक तरह से जुनून के तौर पर देखा जाता है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह जितनी पुरानी होगी, इसकी वैल्यू उतनी ही अधिक होगी। 

इस बीच भारत के लोगों में भी महंगी शराब पीने का चलन बढ़ रहा है। भारत हाल में फ्रांस को पछाड़ते हुए ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है। वर्ष 2022 में ब्रिटेन से स्कॉच व्हिस्की का आयात 60 प्रतिशत बढ़ गया। भारत ने पिछले साल स्कॉच व्हिस्की की 700 मिलीलीटर वाली 21.9 करोड़ बोतलों का आयात किया, जबकि फ्रांस ने 20.5 करोड़ बोतलों का आयात किया था।  

भारतीय स्कॉच बाजार ने पिछले दशक में 200 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ की है। पिछले साल स्कॉच व्हिस्की के निर्यात में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। इस दौरान पूरी दुनिया को 6.2 अरब पौंड की व्हिस्की का निर्यात किया गया जो एक रेकॉर्ड है। पहली बार यह आंकड़ा छह अरब पौंड के पार पहुंचा है। ब्रिटेन से सबसे ज्यादा अमेरिका को स्कॉच व्हिस्की का निर्यात किया गया। 

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