डाकघर में निवेश पर मिलता है बेहतर रिटर्न, जानिए क्या है रिकरिंग जमा
मुंबई- अपने यहां लोग डाकघर में खूब पैसे जमा करते हैं। इसमें किया गया निवेश बेहद सुरक्षित माना जाता है। डाकघर की योजनाओं में निवेश करके आप सुरक्षित और बढ़िया रिटर्न पा सकते हैं।
डाकघर का रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट छोटी-छोटी रकम जमा करने की योजना है। इसमें इनवेस्टर किस्तों मतलब हर महीने एक पहले से तय की गई रकम जमा करते हैं। यह बेहतर ब्याज दर के साथ छोटी रकम जमा करने की एक सरकारी गारंटी योजना है। इसमें आप महज 100 रुपये की छोटी राशि से इनवेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं। इसमें 10 रुपये के गुणक में राशि बढ़ाई जा सकती है।
इस खाते में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसलिए आप जितना चाहें उतना पैसा इस खाते में जमा कर सकते हैं। आप यदि डाकघर में आरडी अकाउंट खुलवाते हैं तो यह पांच साल के लिए होगा। आप इसे बढ़ाना चाहते हैं तो पांच साल के बाद आप पोस्टमास्टर को एक आवेदन दे कर इसे पांच साल के लिए और बढ़ा सकते हैं।
यदि आप किसी बैंक में इसी तरह का अकाउंट खोलना चाहते हैं तो अपको छह महीने, 1 साल, 2 साल और 3 साल की अवधि का भी विकल्प मिल सकता है। अच्छी बात यह है कि रिकरिंग डिपॉजिट या आवर्ती जमा खातों में जमा धनराशि पर ब्याज की गणना हर तिमाही (वार्षिक दर पर) की जाती है। इसलिए आपकी जमाराशि पर जो भी ब्याज बनता है, उसे हर तिमाही के अंत में आपके खाते में (चक्रवृद्धि ब्याज सहित) जोड़ा दिया जाता है।
आप यदि किसी डाकघर में आरडी योजना में खाता खोलते हैं तो यह जमा योजना भारत सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम मानी जाएगी। स्मॉल सेविंग स्कीम में कितना ब्याज मिलेगा, इसे भारत सरकार का वित्त मंत्रालय तय करता है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय हर तिमाही छोटी बचत की सभी योजनाओं के लिए ब्याज दर घोषित करता है। वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए डाकघर की आरडी स्कीम पर 5.8 फीसदी का ब्याज तय किया है।
मान लिया जाए कि आप डाकघर की आरडी स्कीम में यदि आप हर महीने 10 हजार रुपये जमा करते हैं। यह रकम आप लगातार 10 साल तक जमा करते हैं। तो 10 साल बाद आपको 5.8 फीसदी की दर से रिटर्न मिलेगा। मैच्योरिटी पर यह रकम 16 लाख रुपये से भी ज्यादा हो जाएगी।