एसवीबी बैंक के डूबने से भारतीय स्टार्टअप पर पड़ सकता है विपरीत प्रभाव 

मुंबई- विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप परिवेश तंत्र में सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली बैंक के पतन से भारतीय स्टार्टअप परिदृश्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है। साथ ही इस घटना ने इस क्षेत्र में रातों-रात बहुत अनिश्चितता पैदा कर दी है। सिलिकॉन वैली के जाने-माने वेंचर कैपिटलिस्ट निवेशक आशु गर्ग ने कहा, उम्मीद है कि मामला सुलझ जाएगा, लेकिन मुझे लगता है कि यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए बड़ा झटका है। 

अमेरिका में कारोबार करने वाले अधिकांश भारतीय स्टार्टअप इस बैंक का उपयोग करते हैं, क्योंकि यह भारतीय बैंकों के साथ काम करने के इच्छुक कुछ संस्थानों में से एक है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र रह चुके गर्ग ने कहा, बहुत सारे बैंकिंग संस्थान विदेशी ग्राहकों के साथ काम नहीं करना चाहते हैं। इसलिए एसवीबी उन भारतीय कंपनियों के साथ काम करने में सक्षम है जिनमें अमेरिकी कर्मचारी नहीं हैं। अगर यह बैंक डूब जाता है तो यह भारतीय कंपनियों के लिए बहुत मुश्किल होगा। 

सिलिकॉन वैली में हर तीसरा स्टार्टअप भारतीय-अमेरिकियों द्वारा स्थापित किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ मूल भुगतान करने और अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए इन संस्थापकों की एक बड़ी संख्या अगले सप्ताह की शुरुआत में प्रभावित होगी। इसी तरह बड़ी संख्या में भारतीय स्टार्टअप्स, जिनके पास अमेरिका में एक कर्मचारी या कार्यालय भी नहीं है, ने सिलिकॉन वैली बैंक में अपने खाते खोले थे, क्योंकि इसने उन्हें बहुत ही आसान तरीके से फंडिंग की थी। 

बैंक के पतन के बाद सिलिकॉन वैली स्थित उद्यम पूंजीपतियों के एक समूह ने बैठक की। इन्होंने कहा कि पिछले 48 घंटों में सामने आई घटनाएं बेहद निराशाजनक और चिंताजनक हैं। भारतीय-अमेरिकी नवीन चड्ढा द्वारा ने एक संयुक्त बयान में कहा, हम दृढ़ता से समर्थन करेंगे और अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों को उनके साथ अपने बैंकिंग संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। अब समय आ गया है कि हम अपने साझेदारों का समर्थन करें और हम एसवीबी के साथ काम करने वाली अपनी कंपनियों का पुरजोर समर्थन करते हैं 

राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा, करदाताओं को सिलिकॉन वैली बैंक को बेल आउट नहीं होने देना चाहिए। निजी निवेशक इस बैंक को और इसकी संपत्ति खरीद सकते हैं। प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने कहा कि एफडीआईसी को पिछले कुछ महीनों में बैंक के अधिकारियों के शॉर्ट सेल की जांच करने की जरूरत है। 

भारत में 200 से अधिक स्टार्टअप्स को समर्थन देने वाले जाने-माने एक्सेलरेटर वाई कॉम्बिनेटर ने एसवीबी के पतन पर राहत और ध्यान देने की मांग करते हुए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन को एक पत्र दिया है। वाई कॉम्बिनेटर के अध्यक्ष गैरी टैन के लिए इस पत्र पर 3,500 से अधिक सीईओ और संस्थापकों ने हस्ताक्षर किए हैं। हस्ताक्षरकर्ताओं में भारत के लगभग दो दर्जन स्टार्टअप भी शामिल हैं। 

याचिका में, टैन ने अमेरिकी सरकार से आग्रह किया कि एसवीबी में छोटे व्यवसाय जमाकर्ताओं पर ध्यान देने की बात कही है। एसवीबी के कारण 10,000 से अधिक छोटे व्यवसाय और स्टार्टअप्स प्रभावित होंगे। उन्होंने बताया कि यदि औसत छोटा व्यवसाय या स्टार्टअप 10 श्रमिकों को रोजगार देता है, तो इसका मतलब यह है कि 100,000 से अधिक नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। 

संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया का सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) 16वां सबसे बड़ा बैंक था। 31 दिसंबर, 2022 तक, एसवीबी के पास लगभग 209.0 अरब डॉलर की संपत्ति और लगभग 175.4 अरब डॉलर का डिपॉजिट था। 

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