बैंकरों ने कहा-एसवीबी के डूबने का भारतीय बैंकों पर कोई बड़ा असर नहीं होगा 

मुंबई- अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के पतन से भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। बैंकरों और विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए क्योंकि, वर्तमान में भारतीय बैंक कर्ज अनुपात के मामले में अच्छी तरह से सुरक्षित हैं। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, इस घटना का भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। 

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, एसवीबी की घटना से हमारे बैंकों पर असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि वे बड़े हैं और उनके पास इस तरह का कर्ज नहीं है। यहां मुद्दा जमा का है जो स्टार्टअप्स से आया है। इस कमी को पूरा करने के लिए, इसने उन प्रतिभूतियों को बेच दिया है जिनका मूल्य कम हो गया है। हमारे बैंक ऐसा नहीं करते हैं और न ही ऐसी स्थिति है। एसवीबी इतना छोटा बैंक है कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली पर भी इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। अमेरिकी नियामक पहले ही कदम उठा चुका है। 

कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने एक ट्वीट में कहा था कि उच्च ब्याज दरों का कमजोर बैंकों पर असर पड़ना तय है। जब ब्याज दरें एक साल में शून्य से फीसदी तक ऊपर जा रहीं थीं तो कहीं न कहीं एक दुर्घटना होने का इंतजार किया जा रहा था। 

एम्पावरमेंट सर्विसेज के जेएन गुप्ता ने कहा, जहां तक भारतीय बैंकिंग का संबंध है, इसका बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारतीय बैंक वर्तमान में उधार अनुपात के मामले में बहुत अच्छी तरह से सुरक्षित हैं। जहां तक इक्विटी बाजार का संबंध है, इसका न्यूनतम प्रभाव होगा। दुनिया में जो कुछ भी बड़ा होता है वह हर बाजार को प्रभावित करता है, लेकिन लंबी अवधि में नहीं। 

एक ब्रोकर ने बताया, सिलिकॉन वैली बैंक संकट का असर भारतीय बाजार में दिखाई दिया। ज्यादातर बैंकों के शेयरों पर क्क्रवार को इसका प्रभाव देखा गया, क्योंकि बाजार की धारणा नकारात्मक थी। 

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