अदाणी का असर, एलआईसी के चेयरमैन कुमार को नहीं मिला सेवा विस्तार
मुंबई- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अदाणी के शेयरों में निवेश को लेकर विवादों में आई एलआईसी के चेयरमैन को झटका लगा है। सरकार ने चेयरमैन मंगलम रामसुब्रमण्यम यानी एम आर कुमार को तीसरी बार सेवा विस्तार देने से मना कर दिया है। फिलहाल तीन महीने के लिए एमडी सिद्धार्थ मोहंती को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, अगले चेयरमैन के लिए इंटरव्यू होगा। फिलहाल मोहंती इसलिए दावेदार हैं क्योंकि चेयरमैन का कार्यकाल 62 साल तक की उम्र के लिए कर दिया गया है और मोहंती तीन महीने बाद भी 60 साल के होंगे। ऐसे में उनके चेयरमैन बनने का रास्ता अभी भी खुला है।
एलआईसी में इस समय तीन एमडी हैं। दो अन्य एमडी की नियुक्ति पर मुहर लगी है लेकिन अभी वे चार्ज नहीं ले पाए हैं। इसमें एक जगन्नाथ और एक तबलेश पांडे हैं। अब मोहंती के बाद जगन्नाथ एमडी बनेंगे और उनके साथ ही तबलेश को भी बनाया जा सकता है।
सरकार ने 2019 में एमआर कुमार को LIC का चेयरमैन बनाया था। वह 30 जून 2021 तक इस पद पर रहे। जुलाई 2021 से मार्च 2022 तक उन्हें पहला विस्तार मिला। फिर अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक दूसरा विस्तार मिला। अब कुमार के कार्यकाल को नहीं बढ़ाने का केंद्र का फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के कारण अडाणी ग्रुप में LIC के इन्वेस्टमेंट की गहन जांच की जा रही है।
सिद्धार्थ मोहंती को 1 फरवरी, 2021 को LIC का MD बनाया गया था। उन्होंने टीसी सुशील कुमार की जगह ली थी, जो 31 जनवरी, 2021 को रिटायर हुए थे। वह 30 जून, 2023 को अपने रिटायरमेंट तक LIC के MD के रूप में काम करने वाले हैं। बिष्णु चरण पटनायक, आइपे मिनी, सिद्धार्थ मोहंती और राज कुमार।
ग्रॉस रिटन प्रिमियम्स (GWP) के मामले में LIC भारत की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है। यह कुल संपत्ति के हिसाब से दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी बीमा कंपनी भी है। कंपनी के पास 13.35 लाख एजेंट और 27.80 करोड़ रुपए की सर्विसेज पॉलिसीज है, जो इसे वैश्विक तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड बनाती है।