चीन को भारत का एक और झटका, फॉक्सकॉन करेगी 5,800 करोड़ का निवेश 

मुंबई- आईफोन बनाने वाली एपल की भागीदार फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में 70 करोड़ डॉलर यानी 5,800 करोड़ रुपये का निवेश की योजना बनाई है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, इससे एक लाख लोगों को नौकरियां मिलने की उम्मीद है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर कंपनी भारत में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर फोकस कर रही है। 

चंद्रशेखर ने कहा, ताइवान की फॉक्सकॉन ने बंगलूरू में हवाई अड्डे के करीब 300 एकड़ की साइट पर आईफोन के पुर्जे बनाने के लिए संयंत्र बनाने की योजना बनाई है। इस कारखाने में एपल के हैंडसेट को भी एसेंबल किया जा सकता है। साथ ही यह अपने इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन के लिए भी कुछ हिस्सों का उपयोग कर सकती है। 

भारत में फॉक्सकॉन का यह अब तक सबसे बड़ा निवेश है। यदि भारत में इस तरह के निवेश आगे भी जारी रहें तो चीन से दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर प्रोडक्शन देश का ताज छीन जाएगा। एपल और अन्य अमेरिकी ब्रांड अपने चीनी-आधारित आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हैं। लेकिन अब इसमें बदलाव आ राह है। इस तरह के निवेश से चीन को उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में झटका लग सकता है और भारत व वियतनाम वैकल्पिक देश के रूप में उभर रहे हैं। 

चीन के झेंगझाओ में कंपनी के विशाल आईफोन असेंबली कॉम्प्लेक्स में इस समय लगभग 200,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, हालांकि उत्पादन बढ़ने के दौरान यह संख्या भी बढ़ जाती है। कोरोना के कारण यहां उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। फॉक्सकॉन का यह निवेश का निर्णय चीन के लिए एक बड़ा झटका है। 

फॉक्सकॉन का निर्णय मोदी की सरकार के लिए एक बेहतर अवसर है, क्योंकि चीन के साथ भारत तकनीकी अंतर को पाटने का एक अवसर तलाश रहा है। क्योंकि पश्चिमी निवेशक चीन की कार्रवाई से खफा हैं। भारत में एपल की तीन प्रमुख आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन इस समय तेजी से विस्तार कर रही हैं। ये कई तरह के कलपुर्जे बना रही हैं। एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) का हिस्सा है। इस योजना के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 

वेदांता और फॉक्सकॉन ने पिछले साल सितंबर में गुजरात सरकार के साथ प्लांट लगाने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये के एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह भारत में सेमीकंडक्टर्स के लिए पहली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी होगी। 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आंध्र प्रदेश में कंपनी 50,000 लोगों को रोजगार देगी। खुदरा व्यापार के माध्यम से राज्य में बने उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देगी। यहां इन्वेस्टर समिट में उन्होंने कहा, रिलायंस रिटेल पूरे भारत में बिक्री के लिए आंध्र प्रदेश से कृषि आधारित उत्पादों और विनिर्मित वस्तुओं को खरीदेगी। रिलायंस रिटेल ने आंध्र प्रदेश के 6,000 गांवों में 1.2 लाख से अधिक किराना व्यापारियों के साथ साझेदारी की है। 

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