कलाकार अरशद वारसी सहित 45 लोगों पर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध
मुंबई- पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बृहस्पतिवार को फिल्म कलाकार अरशद वारसी, उनकी पत्नी मारिया, साधना चैनल के कुछ प्रवर्तकों सहित 45 लोगों को शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया। ये सभी लोग यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर दो कंपनियों के शेयरों की कीमतों में खेल कर रहे थे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच में पाया कि ये लोग यूट्यूब पर गुमराह करने वाला वीडियो डालकर निवेशकों से साधना ब्रॉडकॉस्ट और शार्पलाइन ब्रॉडकॉस्ट के शेयरों को खरीदने की सिफारिश कर रहे थे। सेबी ने प्रतिबंध के अलावा अवैध रूप से कमाए गए 54 करोड़ भी जब्त किया है। इन सभी को कहा गया है कि वे अपनी किसी भी संपत्ति को अगले आदेश तक न बेचें।
साधना के मामले में सेबी ने पाया कि अरशद वारसी ने 29.43 लाख रुपये और उनकी पत्नी ने 37.56 लाख रुपये का फायदा कमाया। इरशाद हुसैन वारसी ने 9.34 लाख कमाए। यह तीनों कृत्रिम रूप से शेयरों में वोल्यूम बढ़ा रहे थे।
ढेर सारी शिकायतें मिलने के बाद सेबी ने अप्रैल-सितंबर, 2022 के बीच जांच की। जांच में पाया कि शेयरों की कीमतों और वोल्यूम में अप्रैल और जुलाई, 2022 के बीच जबरदस्त उछाला आया। जुलाई के मध्य में साधना के शेयरों के बारे में गुमराह करने वाला वीडियो द एडवाइजर और मनीवाइज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया। इसी तरह का वीडियो मई में शार्पलाइन के बारे में भी अपलोड किया गया। सेबी ने अपने दो अलग-अलग अंतरिम आदेशों में कहा कि इन वीडियो ने झूठी और भ्रामक खबरें फैलाईं ताकि निवेशकों को असाधारण मुनाफे के लिए साधना और शार्पलाइन के शेयर खरीदने की सलाह दी जा सके।
इन शेयरों के वोल्यूम में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशकों का योगदान है, जो संभवतः भ्रामक वीडियो से प्रभावित हैं। इस दौरान कुछ प्रवर्तकों, साधना के प्रमुख प्रबंधन ने बढ़ी हुई कीमतों पर अपनी हिस्सेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बेच कर मुनाफावसूली की।
इन चैनलों पर एक भ्रामक वीडियो यह था कि साधना को अदाणी समूह खरीद रहा है और सौदे के बाद कंपनी का मार्जिन बढ़ जाएगा। दूसरे वीडियो में कंपनी फिल्म निर्माण की ओर बढ़ रही है और एक बड़े अमेरिकी निवेशक ने चार धार्मिक फिल्मों का निर्माण करने के लिए 1,100 करोड़ रुपये का करार किया है। एक वीडियो में गौतम अदाणी की तस्वीर भी देखी जा सकती है।
साधना के मामले में सेबी ने कहा कि भ्रामक दावों से छोटे शेयरधारकों की संख्या अचानक 2,167 से बढ़कर 55,343 हो गई। शार्पलाइन के शेयरधारकों की संख्या 517 से बढ़कर 20,009 हो गई।