एक्सिस म्यूचुअल फंड के फ्रंट रनिंग मामले में 21 ब्रोकरों पर प्रतिबंध
मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के फ्रंट रनिंग मामले में 21 ब्रोकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया। सेबी ने जांच में पाया कि इस फ्रंट रनिंग मामले से ब्रोकरों ने 30.5 करोड़ रुपये की कमाई की है। सेबी ने यह रकम वापस लौटाने का भी आदेश दिया है।
एक्सिस म्यूचुअल फंड पर पिछले साल मई में फ्रंट रनिंग का आरोप लगा था। कंपनी ने आंतरिक जांच के दौरान अपने दो वरिष्ठ फंड अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। सेबी भी इस मामले में जांच कर रहा था। उस समय देश भर में 30 जगहों पर छापा मारा गया था। फ्रंट रनिंग का मतलब अवैध तरीके से शेयरों में खरीदी-बिक्री से है। फ्रंट रनिंग तब होती है जब किसी ब्रोकर के पास बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाने वाले स्टॉक की विशेष जानकारी होती है और वह उस स्टॉक का लाभ उठाने के लिए ट्रेड करता है।
उधर, सेबी नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लि. के मामले में चार ब्रोकरों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इनमें शेयर इंडिया कमोडिटी ब्रोकर्स, शेयर वेल्थ कमोडिटी, सीआईएल कमोडिटी और यूरेका कमोडिटी शामिल हैं। यह सभी अवैध रूप से एक्सचेंज पर कारोबार कर रहे थे। नवंबर में सेबी ने पांच ब्रोकरों पर छह माह का प्रतिबंध लगाया था। इसमें आनंद राठी, मोतीलाल ओसवाल, फिलिप कमोडिटी, इंडिया इन्फोलाइन और जियोफिन कामट्रेड शामिल थे।
एक अन्य मामले में सेबी ने स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह ब्रोकर्स निवेशकों की प्रतिभूतियों और फंड का दुरुपयोग कर रहा था। सेबी ने स्वस्तिका की अप्रैल, 2020 से जून, 2021 तक जांच की थी। इसके बाद मंगलवार को आदेश जारी कर दिया।
एक दूसरे मामले में 15 अलग-अलग संस्थानों और व्यक्तियों पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मात्रा कौशल इंटरप्राइजेज के शेयरों में कारोबार को लेकर कई खुलासे नहीं किए गए थे। ग्रीनक्रेस्ट फाइनेंशियल सर्विसेस में नियमों के उल्लंघन पर सेबी ने दो संस्थानों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।