आरबीआई सदस्य जयंत वर्मा ने कहा,दरों में 0.25 फीसदी की वृद्धि अनुचित थी 

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी के सदस्य जयंत वर्मा ने कहा है कि इस महीने ब्याज दरों में 0.35 फीसदी की वृद्धि अनुचित थी। इस बढ़ोतरी का विरोध भी किया था। कम होती महंगाई और आर्थिक विकास की चिंता के बीच ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले से असहमति जताई थी। आरबीआई की एमपीसी की बैठक के बुधवार को जारी ब्यौरे से यह जानकारी मिली है। 

इसके मुताबिक, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि आरबीआई सख्त नीति के रूख पर कायम रहेगा। आरबीआई ने 8 फरवरी को रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था। जयंत आर वर्मा ने अपनी दलील में कहा कि ज्यादातर एमपीसी सदस्यों ने 0.25 फीसदी रेपो रेट बढ़ाने पर अपनी सहमति दी है लेकिन महंगाई के अनुमान में कमी और वृद्धि दर की चिंताओं के बीच मौजूदा हालात में इसकी जरूरत नहीं है। 

जयंत आर वर्मा ने कहा कि 2021-22 वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में एमपीसी महंगाई को लेकर उदासीन था जिसकी कीमत 2022-23 में हमें जबरदस्त महंगाई के रूप में उठानी पड़ रही है। 2023-24 में हमें धीमी आर्थिक विकास का सामना ना करना पड़े। 

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