ऊपर से मिले आदेशों के बाद बैंकों ने अदाणी समूह को दिया था भारी कर्ज

मुंबई- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से देश के सबसे अमीर व्यक्ति रहे गौतम अडानी के कारोबारी साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। हालांकि, रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज के. पी. सिंह का मानना है कि अडानी घटनाक्रम से भारत के प्रति वैश्विक निवेशकों का भरोसा नहीं डिगा है। उन्होंने इन चर्चाओं को भी खारिज कर दिया कि अडानी समूह को ‘ऊपर’ से मिले निर्देश के बाद बैंकों ने कर्ज दिया था। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी। उसके बाद से ही अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त बिकवाली का सिलसिला चल रहा है। 

डीएलएफ के मानद चेयरमैन के पी सिंह ने इंटरव्यू में कहा कि यह केवल एक कॉरपोरेट ग्रुप से जुड़ा अस्थायी झटका है। उन्होंने कहा कि इससे भारत के प्रति निवेशकों का भरोसा कम नहीं हुआ है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रोथ के मार्ग पर बने रहने के लिए अडानी समूह को अपने पूंजी आधार को बढ़ाने और कर्ज को कम करने की जरूरत है। 

खरी-खरी बोलने के लिए प्रसिद्ध सिंह ने याद दिलाया कि कैसे जब डेढ़ दशक पहले उनकी रियल एस्टेट फर्म डीएलएफ आईपीओ ला रही थी, तब कनाडा की एक कंपनी ने एक रिपोर्ट लाने की धमकी की थी। उन्होंने बताया, ‘उस समय हमने कनाडा की कंपनी से कहा था कि उसे जो करना है वह करे। कुछ ‘ब्लैकमेलर’ होते हैं, जो बड़ी शेयर बिक्री के समय रिपोर्ट लाते हैं।’ 

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के FPO से ठीक पहले आई थी। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद से क्या निवेश गंतव्य के रूप में भारत पर असर पड़ेगा, इस सवाल पर सिंह ने इसे पूरी तरह ‘बकवास’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत काफी बड़ा देश है इसलिए यह ‘कहानी’ खत्म हो जाएगी। निवेश पर असर नहीं पड़ेगा। 

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक काफी समझदार व्यक्ति हैं और जब तक वे प्रधानमंत्री रहते हैं, भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थल बना रहेगा। सेब से लेकर हवाई अड्डा क्षेत्र में कार्यरत अडानी समूह ने इन आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण’, ‘निराधार’ और ‘भारत पर सुनियोजित हमला’ कहा है। रिपोर्ट के बाद तीन सप्ताह में अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्यांकन 125 अरब डॉलर नीचे आ चुका है। 

इस तरह की चर्चाओं पर कि बैंकों ने अडानी समूह को प्रधानमंत्री के कहने पर कर्ज दिया था, सिंह ने कहा, ‘मुझे अडानी के बारे में नहीं पता। यदि किसी को लगता है कि प्रधानमंत्री के कहने पर बैंकर कर्ज दे देंगे, तो वे ‘मूर्खों की दुनिया’ में रह रहे हैं। कोई बैंक अधिकारी ऐसा नहीं करेगा।’ उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर का उदाहरण देते हुए कहा कि क्या कोई बैंकर ऐसा काम करेगा जो नियमनों के अनुरूप नहीं हो। कोचर को वीडियोकॉन समूह को कर्ज में अनियमितता के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। 

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