तुर्किये, सीरिया, इजराइल और लेबनान में भारी भूकंप, 2,500 लोग मारे गए  

मुंबई-मध्य पूर्व के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। यहां 12 घंटे में बड़े भूकंप आए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। 

तुर्किये और सीरिया में अब तक 2,500 लोगों की मौत हो चुकी है। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है। तुर्किये में अब तक 1498 लोगों की जान जा चुकी है। 7 हजार लोगों के घायल होने की खबर है। सीरिया में 805 लोग मारे गए और 2 हजार से ज्यादा जख्मी हैं। 

टर्किश मीडिया के मुताबिक- 3 बड़े झटके आए। पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है।  

दमिश्क​, ​​​​​​अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है। यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। 

इजराइल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं। तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं। रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन भी मदद भेजने के लिए तैयार हैं। 

अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। 

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