क्या है रेगुलेटर सेबी और कैसे करता है काम, जानिए इसका काम क्या है ? 

मुंबई- सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) भारत में सिक्योरिटी मार्केट में डेवलपमेंट और रेग्युलेशन के मामलों से संबंधित है। इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुई ती। वर्तमान में माधबी पुरी बुचो सेबी की चेयरपर्सन हैं। सेबी का प्रबंधन छह सदस्यों द्वारा किया जाता है जिसमें एक अध्यक्ष (अध्यक्ष द्वारा मनोनीत), केंद्रीय मंत्रालयों के कार्यालय से दो सदस्य, आरबीआई से एक, और शेष सदस्यों को केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है।  

निवेशकों के हितों की रक्षा करना और पूंजी बाजार को चलाने के लिए नियम बनाना। शेयर बाजारों और अन्य सुरक्षा एक्सचेंजों को विनियमित करने के लिए। शेयर ब्रोकर, सब ब्रोकर, शेयर ट्रांसफर एजेंट, मर्चेंट बैंकर, अंडरराइटर्स इत्यादि के कार्यों को कंट्रोल करना और उनका रजिस्ट्रेशन कराना भी सेबी का ही कार्य है। 

सुरक्षा एक्सचेंजों से संबंधित कर्मचारियों और व्यक्तियों का मार्गदर्शन करना और सुरक्षा बाजारों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना भी सेबी का ही कार्य है। सिक्योरिटी मार्केट से भ्रष्टाचार को खत्म करना। सेबी का कार्य म्यूचुअल फंड्स सिक्योरिटी को रजिस्टर करना और उनकी एक्टिवि को ध्यान में रखना भी है।

नए इन्वेस्टर के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन करना भी सेबी का कार्य है। सेबी का एक कार्य अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए रिसर्च और इंवेस्टीगेशन को बढ़ावा देना। 

सेबी का कार्य है स्टॉक एक्सचेंज के उपनियमों को अप्रूव करना। अकाउंट बुक का निरीक्षण करना और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों से आवधिक रिटर्न की मांग करना। वित्तीय मध्यस्थों के अकाउंट बुक का निरीक्षण करना। कुछ कंपनियों को अपने शेयरों को एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने के लिए बाध्य करना। ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन करना की शक्ति भी सेबी के ही पास है। 

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