सोना ने एफडी और शेयर बाजार की तुलना में दिया निवेशकों को ज्यादा रिटर्न 

मुंबई- सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं। 15 साल में सोने ने 366% का रिटर्न दिया, जो शेयर बाजार से 179% व एफडी से 164% तक ज्यादा है। 2020-21 में कोरोना से दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। लंबे लॉकडाउन लगे। औद्योगिक उत्पादन थमा। इस दौरान सोने में निवेश बढ़ा। 2022 में बाजार खुले। डिमांड बढ़ी। महंगाई चढ़ी। सरकारों ने सख्त कदम उठाए। बाजार गिरे तो निवेशकों ने फिर सोने में निवेश बढ़ा दिया। 

बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि 2023 में भी सोना 10% से ज्यादा रिटर्न देगा। इसके भाव 63 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक जा सकते हैं। आने वाले दिनों में शादियों के सीजन की खरीदारी जोर पकड़ेगी, उसका भी असर पड़ेगा। ब्रोकर फर्म आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अपने अध्ययन में अनुमान जताया कि इस साल सोना 62 हजार रु./10 ग्राम व चांदी 80 हजार रु. प्रति किलो तक पहुंच सकती है।  

बढ़ती महंगाई दुनियाभर के लिए एक चुनौती है। इसे नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में काफी इजाफा कर दिया है। इससे शेयर बाजार और बॉन्ड दोनों में निवेश करने वालों को खास मुनाफा होने की उम्मीद नहीं है। निवेशक रिटर्न के लिए सोने पर ही ज्यादा भरोसा करते दिख रहे हैं। 

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र मेहता सोना विदेशों से डॉलर में आयात होता है। इसलिए डॉलर की मजबूती से भारतीय बाजारों में भाव दोगुने हो गए। 6-9 महीने में भाव 63 हजार रु./दस ग्राम तक जा सकता है। पर उसके बाद बाजार में तेजी लौटेगी। तब सोने के दाम भी नीचे आ सकते हैं। 

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