बालाकोट हमले के बाद भारत पर परमाणु हमले की तैयारी में था पाकिस्तान
मुंबई-26 फरवरी 2019 को बालाकोट में भारतीय सेना की एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान, भारत पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहा था। इस बात का दावा अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपनी एक किताब में किया है। इसमें उन्होंने तत्कालीन भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज का हवाला दिया है।
माइक पोम्पियो ने अपनी किताब में बताया कि 27-28 फरवरी 2019 को अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी बात भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हुई थी। तब सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया था कि पाकिस्तानियों ने हमले के लिए अपने परमाणु हथियार तैयार करना शुरू कर दिया है। भारत भी तैयारी कर रहा था।
माइक ने अपनी किताब ‘नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव’ में लिखा- मुझे नहीं लगता कि दुनिया जानती भी है कि नहीं कि फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान की लड़ाई परमाणु हमले के कितनी करीब आ गई थी। सच तो यह है कि मुझे भी इसका सही जवाब नहीं पता, लेकिन मैं बस इतना जानता हूं कि दोनों देश न्यूक्लियर अटैक के काफी करीब थे।
इंडियन एयरफोर्स ने 26 फरवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक की थी। पोम्पियो ने किताब में बताया है कि 27-28 फरवरी को वे अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के लिए वियतनाम के हनोई में थे। इस मुद्दे को लेकर उनकी टीम ने भारत और पाकिस्तान के साथ बात की थी। भारत के लड़ाकू विमानों ने पुलवामा आतंकी हमले में मारे गए CRPF के 40 जवानों का बदला लेने के लिए बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को तबाह कर दिया था।
पोम्पियो ने लिखा- मैं उस रात को कभी नहीं भूलूंगा। मैं हनोई में था। एक तरफ उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों पर चर्चा हो रही थी। दूसरी तरफ भारत और पाकिस्तान ने सालों से जारी कश्मीर मुद्दे पर एटमी हमले की धमकी देना शुरू कर दिया। जब भारतीय समकक्ष ने बताया कि पाकिस्तान परमाणु हमले के लिए तैयार है और वो भी जवाब देंगे, तब मैंने उनसे कुछ नहीं करने और सब कुछ ठीक करने के लिए थोड़ा वक्त देने के लिए कहा।
मैंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बातचीत की। उन्हें बताया कि भारतीय समकक्ष ने मुझे परमाणु हमले के बारे में जानकारी दी है, लेकिन बाजवा ने कहा कि यह सच नहीं है। पोम्पियो के दावों पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
पोम्पियो ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भारत की अहम पॉलिटिकल लीडर बताया है। स्वराज मई 2014 से मई 2019 तक विदेश मंत्री रहीं। अगस्त 2019 में उनका निधन हो गया था। पोम्पियो लिखते हैं- सच तो यह है कि मैंने NSA अजीत डोभाल के साथ ज्यादा काम काम किया। वो प्रधानमंत्री मोदी के करीबी और भरोसेमंद साथी हैं। एस. जयशंकर मेरे दूसरे काउंटर पार्ट रहे। उनसे ज्यादा बेतहर कोई नहीं हो सकता। जयशंकर बहुत शानदार शख्स हैं। वो 7 भाषाएं जानते हैं।