शेयरों में हेरफेर व अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल अदाणी समूह, स्टॉक की पिटाई
मुंबई- अदाणी समूह एक बार फिर आरोपों के घेरे में है। इस बार अमेरिकी निवेशक हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि यह समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है। यह रिपोर्ट अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) से पहले आई है। एफपीओ 27 जनवरी को खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अदाणी समूह के संस्थापक गौतम अदाणी की संपत्ति मौटे तौर पर 100 अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की सात प्रमुख कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े हैं।
रिपोर्ट में कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तक फैले टैक्स चोरी वाले देशों में अदाणी परिवार की नियंत्रित कई मुखौटा कंपनियों के एक वेब का विवरण है, जिसका दावा है कि इसका उपयोग भ्रष्टाचार, मनी लांड्रिंग और करदाताओं की चोरी को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। साथ ही समूह के फंड की हेराफेरी भी की गई थी। हमारे शोध में अदाणी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों के साथ बात करना, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा करना और लगभग आधा दर्जन देशों में दौरा करना शामिल है।
रिपोर्ट ने दावा किया है कि कुछ मुखौटा कंपनियों की प्रकृति को ढंकने के प्रयास भी किए गए हैं। इसने कहा कि अगर आप हमारी जांच रिपोर्ट की अनदेखी करते हैं और इसकी सात प्रमुख कंपनियों के मूल्य को देखें तो यह फंडामेंटल आधार पर अपने मूल्यांकन से 85 फीसदी नीचे हैं। इन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया है। इसने पूरे समूह को अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है।
इससे पहले 14 जून, 2021 को एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी ने कुछ विदेशी निवेशकों के निवेश को डिपॉजिटरी ने फ्रीज कर दिया है। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी। हालांकि, सितंबर, 2022 में क्रेडिटसाइट्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि उसने अदाणी समूह की कंपनियों के कर्ज के जाल में फंसे होने की बात कही थी। पर उसकी रिपोर्ट में खामियां थीं। अदाणी समूह की कंपनियों को लेकर उसकी गणना में गलती थी।
इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह ने कहा कि तथ्यात्मक आंकड़े प्राप्त करने के लिए उससे कोई संपर्क नहीं किया गया। रिपोर्ट चुनिंदा गलत सूचनाओं व बासी, निराधार और बदनाम आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है। इसे भारत की सर्वोच्च अदालतों द्वारा खारिज कर दिया गया है। एफपीओ से पहले इस रिपोर्ट का आना स्पष्ट रूप से इसे नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य के साथ समूह की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के एक दुराग्रही इरादे को दर्शाता है।
इस खबर के बाद अदाणी की कंपनियों के शेयर बुधवार को जमकर गिरे। इससे इनके बाजार पूंजीकरण में 97 हजार करोड़ रुपये की कमी आई। मंगलवार को अदाणी की 11 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 19.20 लाख करोड़ रुपये था जो बुधवार को घटकर 18.23 लाख करोड़ रुपये हो गया।