2,000 करोड़ रुपये की पूंजी से शुरू होगी निर्यात सहकारी समिति
मुंबई- राष्ट्रीय स्तर की निर्यात सहकारी समिति की शुरुआत 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी से होगी। अमूल, इफको, कृभको, नैफेड और एनसीडीसी संयुक्त रूप से इसकी प्रमोटर होंगी। समिति सहकारिता क्षेत्र में वस्तुओं और सेवाओं के कारोबार का काम करेगी।
इन समितियों को बहु राज्यीय सहकारी समितियों (एमएससीएस) एक्ट, 2002 के तहत पंजीकृत किया जाएगा। पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने जैविक उत्पादों, बीजों और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसमें दो अन्य समितियों में ऑर्गेनिक सोसाइटी और सीड सोसाइटी हैं।
राष्ट्रीय निर्यात सहकारी समिति का पंजीकरण जल्द ही पूरा हो जाएगा और यह नई दिल्ली में स्थित होगी। इस समिति की शुरुआती चुकता शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपये है। पांचों प्रवर्तक 100-100 करोड़ रुपये का योगदान करेंगे। प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर तक की सहकारी समितियां सदस्य के रूप में इस समिति में शामिल होने के लिए पात्र हैं। सहकारी क्षेत्र में देश में उपलब्ध सरप्लस के निर्यात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
निर्यात इसी वित्त वर्ष से शुरू होने की संभावना है। इस निर्यात समिति को एक बड़ा निर्यात हाउस बनने में 2-3 साल लगेंगे। सहकारी समितियों का विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में सहकारी समितियों का खाद उत्पादन में 28.80 व वितरण में 35 फीसदी, चीनी उत्पादन में 30.60 फीसदी और दूध के विपणन योग्य सरप्लस की खरीद में 17.50 फीसदी का योगदान है।