माइक्रोसॉफ्ट में सबसे बड़ी छंटनी, टेक कंपनियों ने 6 दिन में 30,611 को निकाला 

मुंबई- वैश्विक मंदी के डर से दुनियाभर की प्रौद्योगिकी कंपनियां बड़े स्तर पर छंटनी कर रही हैं। अमेजन, मेटा, ट्विटर और सेल्सफोर्स के बाद कर्मचारियों को निकालने की इस कड़ी में अब दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट का नाम भी जुड़ गया है। 

जानकारी के मुताबिक, कंपनी 5 फीसदी यानी करीब 11,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्त दिखा सकती है। माइक्रोसॉफ्ट में इसे अब तक की सबसे बड़ी छंटनी माना जा रहा है। यह छंटनी इंजीनियरिंग और मानव संसाधन विभाग में होगी। कंपनी इससे पहले जुलाई में भी करीब 1,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी है। 

इस बीच, विभिन्न रिपोर्ट में कहा गया है कि नौकरियों के लिहाज से नए साल की शुरुआत बेहद खराब रही है। अमेजन, वीमेओ, सेल्सफोर्स समेत अन्य बड़ी कंपनियों ने जनवरी, 2023 के पहले छह दिनों में 30,611 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। हाल ही में शेयरचैट ने भी करीब 20 फीसदी कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है। 

माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर. अमेजन और मेटा के अलावा एचपी, बायजू, अनअकैडमी, गोल्डमैन सैश, मॉर्गन स्टैनली, इंटेल कॉर्प, जॉनसन एंड जॉनसन और स्नैपचैट ने भी बड़े स्तर पर छंटनी की घोषणा की है। माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी का एक और दौर बताता है कि हालात बेहतर नहीं हो रहे हैं। प्रौद्योगिकी क्षेत्र जल्द स्थिर नहीं होने वाला है। नौकरियों के लिहाज से आगे हालात और खराब होंगे। 

माइक्रोसॉफ्ट में 30 जून, 2022 तक करीब 2.21 लाख कर्मचारी हैं। इनमें 1.22 लाख कर्मचारी अमेरिका में कार्यरत हैं, जबकि 99,000 भारत समेत अन्य देशों में काम करते हैं। 

उधर, देश की चार सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस और एचसीएल टेक में भर्तियों में 97 फीसदी की गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 की दिसंबर तिमाही में चारों कंपनियों ने शुद्ध रूप से 1,940 कर्मचारी जोड़े। यह पिछली 11 तिमाहियों में सबसे कम भर्ती है। 2021-22 की समान तिमाही में इन चारों कंपनियों ने 61,137 लोगों को नौकरियां दी थीं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही से तुलना करें तो भर्तियां 94 फीसदी घटी हैं।  

दिसंबर, 2022 तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 2,197 घट गई। इस दौरान कंपनी छोड़ने वाले कर्मचारियों की दर भी घटकर 21.3 फीसदी रही। विप्रो में यह दर 21.2%, इन्फोसिस में 24.3 फीसदी और एचसीएल में 21.7 फीसदी रही। 

दुनियाभर की कंपनियों में जारी छंटनी के बीच इस साल हर पांच में से चार यानी 80 फीसदी भारतीय पेशेवर नौकरी बदलने की तैयारी में हैं। ये पेशेवर उन भूमिकाओं में नौकरी पाना चाहते हैं, जिसमें अच्छा वेतन मिलने के साथ कार्य और जीवन के बीच संतुलन बने रहने की गुंजाइश हो। 

लिंक्डइन की ‘आर्थिक ग्राफ’ रिपोर्ट के मुताबिक, 45-54 साल के 64 फीसदी भारतीय पेशेवर नौकरी बदलना चाहते हैं। इनके मुकाबले 18-24 साल के 88 फीसदी युवा नई नौकरी की तलाश में हैं। 78 फीसदी पेशेवरों का मानना है कि अगर वे नौकरी छोड़ते हैं तो उन्हें नई भूमिकाओं की तलाश में कोई परेशानी नहीं होगी। 32 फीसदी पेशेवरों ने कहा कि अपनी क्षमताओं की वजह से उन्हें भरोसा है कि वे एक बेहतर नौकरी पा सकते हैं। 

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