डीमैट की संख्या 34 फीसदी बढ़कर 10.8 करोड़, दिसंबर में खुले 21 लाख
नई दिल्ली। शेयर बाजारों से मिल रहे आकर्षक मुनाफे और वित्तीय बचत बढ़ने के कारण डीमैट खातों की संख्या दिसंबर, 2022 में बढ़कर 10.8 करोड़ हो गई। दिसंबर, 2021 में 8.1 करोड़ की तुलना में यह 34 फीसदी अधिक है। डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, अक्तूबर में 18 लाख, नवंबर में 20 लाख और दिसंबर, 2022 में 21 लाख नए खाते खुले हैं।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में मासिक औसतन 29 लाख खाते खुले थे। इसकी तुलना में पिछले साल कम खाते खुले। यूक्रेन-रूस युद्ध व ब्याज दरों के लगातार बढ़ने के कारण बाजारों में उतार-चढ़ाव से खातों के खुलने की संख्या में गिरावट आई।
आनंद राठी शेयर्स एवं स्टॉक ब्रोकर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूप भूतरा का कहना है कि 2021 की तुलना में 2022 आईपीओ की संख्या कम रही है। इससे भी डीमैट खातों के खुलने में कमी आई। हालांकि, ब्रोकर हाउसों द्वारा प्रक्रिया आसान बनाने से अब ज्यादा खाते खुल रहे हैं। इसके अलावा वित्तीय बचत, वित्तीय साक्षरता और युवाओं में शेयर बाजार के प्रति बढ़ रहे रुझान से भी डीमैट खातों की संख्या बढ़ रही है।
इस समय काफी सारे ब्रोकर्स हाउस ऐसे हैं जो डिस्काउंट दे रहे हैं। ऐसे में उनकी ओर ज्यादा ग्राहक जा रहे हैं। इनमें शीर्ष पर जेरोधा, एंजल वन, ग्रो, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और आईआईएफएल सिक्योरिटीज हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सक्रिय 3.5 करोड़ ग्राहकों में से 59.3 फीसदी हिस्सा इन्हीं ब्रोकर हाउसों के पास है। दिसंबर, 2021 में यह 56.2 फीसदी था।