अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड 15.75 लाख करोड़ उधारी ले सकती है सरकार
मुंबई। अगले वित्त वर्ष में सरकार रिकॉर्ड 15.75 लाख करोड़ रुपये की उधारी ले सकती है। चालू वित्त वर्ष के 14.21 लाख करोड़ के मुकाबले यह 1.54 लाख करोड़ रुपये ज्यादा होगा। उधारी इसलिए ज्यादा ली जाएगी क्योंकि वृद्धि पर सरकार का फोकस और इससे बॉन्ड यील्ड में भी उछाल आएगा।
आईसीआईसीआई बैंक के ट्रेजरी प्रमुख बी प्रसन्ना ने एक रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में सरकार को ज्यादा उधारी लेनी होगी। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में फिस्कल घाटा 5.9 फीसदी रखने का लक्ष्य है जो कि चालू वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी रह सकता है। प्रसन्ना ने कहा, सरकार पहले से ही पूंजीगत खर्च ज्यादा कर रही है और वृद्धि पर फोकस कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर कर संग्रह में वृद्धि होती है तो सरकार और ज्यादा खर्च कर सकती है। लेकिन वह कम उधार लेकर बाजार को लाभ नहीं देना चाहेगी। प्रसन्ना को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में 10 साल के बेंचमार्क का बॉन्ड का ब्याज 7.25% -7.50% के बीच में रहेगा। वर्तमान में यह 7.29% है। पिछले साल जून में 2032 वाले बॉन्ड का ब्याज 7.62% के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
प्रसन्ना ने कहा, ब्याज 7.50% को तभी पार कर सकता है जब सरकार पर्याप्त रूप से ज्यादा उधारी लेगी। हालांकि, बॉन्ड ब्याज विभिन्न कारकों के कारण गिर सकती है। इसमें भारतीय बॉन्ड को वैश्विक सूचकांक में शामिल करने का कारण है। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉन्ड की खरीदारी फिर से शुरू कर दी है, जिसे अक्तूबर 2021 में बंद कर दिया गया था। प्रसन्ना को उम्मीद है कि आरबीआई अगले महीने ब्याज दरों में वृद्धि करेगा। कितनी बढ़त करेगा, यह इस बात पर निर्भर होगा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व कितनी बढ़ोतरी करता है। फेड ने 2022 में दरों में 4.25 फीसदी जबकि आरबीआई ने 2.25 फीसदी की बढ़त की थी।
उधर, इक्रा रेटिंग ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार 14.8 लाख करोड़ और राज्य सरकारें 24.4 लाख करोड़ रुपये की उधारी ले सकती हैं। सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है। चालू वित्त वर्ष में केंद्र 14.1 लाख करोड़ और राज्य सरकारें 22.1 लाख करोड़ का कर्ज ले सकती हैं। एजेंसी ने कहा कि केंद्र को यह उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में फिस्कल घाटा जीडीपी की तुलना में 5.8 फीसदी रह सकता है जो चालू वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है।
एजेंसी ने कहा कि आने वाले बजट में केंद्र सरकार चुनावी वर्ष को देखते हुए खर्च को 8.5 से 9 लाख करोड़ रुपये रख सकती है जो चालू वर्ष में 7.5 लाख करोड़ था। साथ ही फिस्कल घाटे का लक्ष्य 5.8 फीसदी रख सकती है। राजस्व घाटा वित्त वर्ष 2024 में कम होकर 9.5 लाख करोड़ रुपये रह सकता है जो चालू वर्ष में 10.5 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। फिस्कल घाटा इसी दौरान 17.5 लाख करोड़ से घटकर 17.3 लाख करोड़ रह सकता है।
एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में शुद्ध टैक्स प्राप्ति बजट अनुमान की तुलना में 2.1 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रह सकता है। प्रत्यक्ष कर अब तक 24.58 फीसदी बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये रहा है।